खरगोन। आज जिले में अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने सरकार से मंदिरों का सरकारीकरण खत्म करने के साथ कई मांग की है. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने सिर्फ मंदिरों के लिए तो समितियां बनाई है, लेकिन मस्जिद और गुरुद्वारों के लिए नहीं.
उन्होंने सवाल उठाया है कि जब सभी धर्मों के धर्म स्थल सरकारीकरण के अंतर्गत नहीं आते हैं तो केवल हिंदु मंदिरों का सरकारीकरण क्यों किया गया है. सरकार न तो मंदिरों के संचालन के लिए कोई राशि देती है न ही पुजारी के भरण-पोषण के लिए, जिससे सारा बोझ पुजारी के कंधों पर आ जाता है. अब सरकार ने मंदिरों के आस पास की खाली जमीनों पर अपनी नजर गड़ा ली है, जिन्हें सरकार ने नीलम करना शुरू कर दिया है. ऐसे में पुजारियों के भरण-पोषण की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं.
उन्होंने सरकार के छोटे मंदिरों पर भी समिति बनाने के फैसले का पुरजोर विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज के सन्त भोग विलासिता की ओर अग्रसर हो रहे हैं. संतो का कार्य तप और जनकल्याण के बारे में सोचना है, न कि सरकार में पद पाना.