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खरगोन: पुजारी संघ की बैठक का आयोजन, मंदिरों का सरकारीकरण खत्म करने का साथ रखी ये मांगें

खरगोन में हुई अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक में पुजारियों ने सरकार से कई मांगे की हैं. उनकी प्रमुख मांग है कि मंदिरों का सरकारीकरण खत्म किया जाए.

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक।
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Published : Mar 24, 2019, 7:45 PM IST

खरगोन। आज जिले में अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने सरकार से मंदिरों का सरकारीकरण खत्म करने के साथ कई मांग की है. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने सिर्फ मंदिरों के लिए तो समितियां बनाई है, लेकिन मस्जिद और गुरुद्वारों के लिए नहीं.

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक।

उन्होंने सवाल उठाया है कि जब सभी धर्मों के धर्म स्थल सरकारीकरण के अंतर्गत नहीं आते हैं तो केवल हिंदु मंदिरों का सरकारीकरण क्यों किया गया है. सरकार न तो मंदिरों के संचालन के लिए कोई राशि देती है न ही पुजारी के भरण-पोषण के लिए, जिससे सारा बोझ पुजारी के कंधों पर आ जाता है. अब सरकार ने मंदिरों के आस पास की खाली जमीनों पर अपनी नजर गड़ा ली है, जिन्हें सरकार ने नीलम करना शुरू कर दिया है. ऐसे में पुजारियों के भरण-पोषण की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं.

उन्होंने सरकार के छोटे मंदिरों पर भी समिति बनाने के फैसले का पुरजोर विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज के सन्त भोग विलासिता की ओर अग्रसर हो रहे हैं. संतो का कार्य तप और जनकल्याण के बारे में सोचना है, न कि सरकार में पद पाना.

खरगोन। आज जिले में अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने सरकार से मंदिरों का सरकारीकरण खत्म करने के साथ कई मांग की है. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने सिर्फ मंदिरों के लिए तो समितियां बनाई है, लेकिन मस्जिद और गुरुद्वारों के लिए नहीं.

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की बैठक।

उन्होंने सवाल उठाया है कि जब सभी धर्मों के धर्म स्थल सरकारीकरण के अंतर्गत नहीं आते हैं तो केवल हिंदु मंदिरों का सरकारीकरण क्यों किया गया है. सरकार न तो मंदिरों के संचालन के लिए कोई राशि देती है न ही पुजारी के भरण-पोषण के लिए, जिससे सारा बोझ पुजारी के कंधों पर आ जाता है. अब सरकार ने मंदिरों के आस पास की खाली जमीनों पर अपनी नजर गड़ा ली है, जिन्हें सरकार ने नीलम करना शुरू कर दिया है. ऐसे में पुजारियों के भरण-पोषण की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं.

उन्होंने सरकार के छोटे मंदिरों पर भी समिति बनाने के फैसले का पुरजोर विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज के सन्त भोग विलासिता की ओर अग्रसर हो रहे हैं. संतो का कार्य तप और जनकल्याण के बारे में सोचना है, न कि सरकार में पद पाना.

Intro:खरगोन
आज के सन्त भोग विलासिता की ओर अग्रसर हो रहे है। संतो का कार्य तप और जनकल्याण के बारे में सोचना है, न कि सरकार में पद पाना । यह बात अखिलभारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कही। साथ ही कहा कि सरकार द्वारा सिर्फ हिन्दू मंदिरों पर ही समितियां बनाई जा रही है मस्जिदों ओर गुरुद्वारों पर नही।


Body:अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि सरकार की नजर मंदिरों के आस पास की खाली जमीनों पर है। जिन्हें नीलम कर पैसा कमाना चाहती है। सरकार मन्दिर में समितियां बनाकर पुजारियों को परेशान करना चाहती है। साथ ही सन्तों पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि हिन्दू सन्त आज कल भोग विलासिता की जिंदगीजी रहे है। समाज को सोचना होगा कि सन्त कौन? गोल्डन बाबा ओर कम्प्यूटर बाबा पर बरसते हुए कहा कि सन्तो का काम है तप करना ओर जन कल्याण के बारे में सोचना। ना कि सरकारों के पास जा कर ब्लैकमेल कर पद पाना। साथ सनातन धर्म के पतन के बारे में कहा कि पहले चार शंकराचार्य थे। जिनके मार्ग दर्शन में सनातन धर्म चलता था आज तथाकथित सन्तो ने शंकराचार्यों को हासिए पर कर रखा है।
बाइट-महेश शर्मा राष्ट्रीय अध्यक्ष पुजारी संघ


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