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मजदूर नहीं मिलने से सड़ रहे टमाटर, किसान परेशान

लॉकडाउन के चलते होशंगाबाद में किसानों की फसलें खराब हो रही हैं.मंडियों में उचित दाम ना मिलने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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फसल
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Published : Apr 23, 2020, 6:01 PM IST

होशंगाबाद। शिवराज सरकार ने गेहूं की खरीदी शुरू करा दी है, लेकिन सब्जी एवं फलों के किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.होशंगाबाद में मजदूर और परिवहन नहीं मिलने के कारण खेतों में ही टमाटर सड़ने लगे हैं.

किसानों को लोकल मंडी में उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. थोक मण्डी में 2 रूपये किलो भी टमाटर का मूल्य नहीं मिल रहा है. जिसके चलते लागत मूल्य से भी महंगे फसल को लाना पड़ रहा है. जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि सभी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं. हम टमाटर को बाजार में नहीं ले जा पा रहे हैं, इससे हमें पिछले दो हफ्तों में ही करीब 50-60 हजार रुपये का नुकसान हुआ है.

वहीं किसान रामसिंह का कहना है की खेत में लगाई मिर्ची और पत्ता गोभी बाजार नहीं पहुंच पाने के चलते सूखने लगे हैं. अब इन फसल को ट्रैक्टर चलाकर निकाला जा रहा है, क्योंकी बाजार में खरीदी नहीं हो रही है.मंडियों में सब्जी का व्यापार आधा होने के चलते प्रशासन द्वारा समय-समय पर मंडियों की परिस्थिति अनुसार बंद और चालू कराई जा रही है. जिसके चलते हर जिले के अलग-अलग मंडियों में असमंजस की स्थिति बन रही है. वहीं इस दौरान पुलिस की सख्ती के चलते किसान भी अपनी फसल और सब्जियों को मंडी में स्वतंत्रता से नहीं ला पा रहा है. जिसका खामियाजा फसल नुकसान के रूप में छोटे किसानों को उठाना पड़ रहा है.

होशंगाबाद। शिवराज सरकार ने गेहूं की खरीदी शुरू करा दी है, लेकिन सब्जी एवं फलों के किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.होशंगाबाद में मजदूर और परिवहन नहीं मिलने के कारण खेतों में ही टमाटर सड़ने लगे हैं.

किसानों को लोकल मंडी में उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. थोक मण्डी में 2 रूपये किलो भी टमाटर का मूल्य नहीं मिल रहा है. जिसके चलते लागत मूल्य से भी महंगे फसल को लाना पड़ रहा है. जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि सभी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं. हम टमाटर को बाजार में नहीं ले जा पा रहे हैं, इससे हमें पिछले दो हफ्तों में ही करीब 50-60 हजार रुपये का नुकसान हुआ है.

वहीं किसान रामसिंह का कहना है की खेत में लगाई मिर्ची और पत्ता गोभी बाजार नहीं पहुंच पाने के चलते सूखने लगे हैं. अब इन फसल को ट्रैक्टर चलाकर निकाला जा रहा है, क्योंकी बाजार में खरीदी नहीं हो रही है.मंडियों में सब्जी का व्यापार आधा होने के चलते प्रशासन द्वारा समय-समय पर मंडियों की परिस्थिति अनुसार बंद और चालू कराई जा रही है. जिसके चलते हर जिले के अलग-अलग मंडियों में असमंजस की स्थिति बन रही है. वहीं इस दौरान पुलिस की सख्ती के चलते किसान भी अपनी फसल और सब्जियों को मंडी में स्वतंत्रता से नहीं ला पा रहा है. जिसका खामियाजा फसल नुकसान के रूप में छोटे किसानों को उठाना पड़ रहा है.

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