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खरगोन में नहीं खुलेंगी शराब दुकानें, जानें क्या हैं प्रशासन के निर्देश

मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी शराब दुकानें खुल चुकी हैं, लेकिन खरगोन में शराब बिक्री के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा.

Liquor shops will not open in Khargone
खरगोन में नहीं खुलेंगी शराब दुकानें,
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Published : May 6, 2020, 5:32 PM IST

खरगोन। जिले के आपदा प्रबंधन की बैठक में शराब दुकानों पर 11 मई तक के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. खरगोन विधायक रवि जोशी ने बताया कि आपदा प्रबंधन की बैठक के दौरान हमने निर्णय लिया है कि शराब की दुकानें अभी नहीं खुलेंगी.

देशभर में शराब की बिक्री को अनुमति मिल गई है. बीते दो दिनों पर नजर डालें तो पूरे देश की शराब दुकानों में दो-दो किलोमीटर की लाइन दिखी हैं, जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है.

उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन का पालन कर कोरोना से लड़ना है. अगर जिले में शराब दुकानें खुलती हैं तो मैं खुद विरोध करूंगा. निश्चित ही प्रदेश के राजस्व में नुकसान हो रहा है. हम राजस्व के नुकसान को सहन कर सकते हैं, लेकिन कोरोना को नहीं.

सरकार का गलत फैसला

खरगोन विधायक रवि जोशी ने एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति के फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले से भोपाल स्तर पर लाखों आवेदन इकट्ठे हो गए हैं.

मध्य प्रदेश सरकार को चाहिए कि एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए सरकार अनुमति दे और 1 जिले से दूसरे जिले के लिए कलेक्टर को परमिशन के आदेश देना चाहिए.

खरगोन। जिले के आपदा प्रबंधन की बैठक में शराब दुकानों पर 11 मई तक के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. खरगोन विधायक रवि जोशी ने बताया कि आपदा प्रबंधन की बैठक के दौरान हमने निर्णय लिया है कि शराब की दुकानें अभी नहीं खुलेंगी.

देशभर में शराब की बिक्री को अनुमति मिल गई है. बीते दो दिनों पर नजर डालें तो पूरे देश की शराब दुकानों में दो-दो किलोमीटर की लाइन दिखी हैं, जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है.

उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन का पालन कर कोरोना से लड़ना है. अगर जिले में शराब दुकानें खुलती हैं तो मैं खुद विरोध करूंगा. निश्चित ही प्रदेश के राजस्व में नुकसान हो रहा है. हम राजस्व के नुकसान को सहन कर सकते हैं, लेकिन कोरोना को नहीं.

सरकार का गलत फैसला

खरगोन विधायक रवि जोशी ने एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति के फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले से भोपाल स्तर पर लाखों आवेदन इकट्ठे हो गए हैं.

मध्य प्रदेश सरकार को चाहिए कि एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए सरकार अनुमति दे और 1 जिले से दूसरे जिले के लिए कलेक्टर को परमिशन के आदेश देना चाहिए.

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