खरगोन। लॉकडाउन में रोजाना कमाई कर पेट भरने वाले मजदूरों के सामने खाने का संकट आ गया है, इस महामारी के दौर में काम न होने से मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मनरेगा योजना फिर से शुरू होने से मजदूरों को राहत मिलने की आस है. मजदूर खुश हैं कि इस संकट की घड़ी में उन्हें पेट पालने का रास्ता तो मिल गया है.
मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते काम बंद होने से घर चलने और बच्चों का पालन पोषण करने में काफी दिक्कतें आ रही थी. ऐसे में काम मिलने से उनकी जिंदगी की गाड़ी धीरे धीरे ही सही लेकिन चलेगी जरूर, मजदूर रोशनी राठौर ने मनरेगा योजना चालू होने पर खुशी जाहिर की है.
एक अन्य मजदूर रामेश्वर कुशवाह ने बताया कि दो माह से फालतू बैठे थे, मनरेगा के तहत काम शुरू हुआ है. जिसमें 190 रुपए मजदूरी मिल रही है, लॉकडाउन के पहले 300 से 400 रुपए कमाते थे. अब 190 रुपये मिलेंगे जो कम है, भले ही हमारी मजदूरी कम है, फिलहाल इस संकट की घड़ी में जीने के लिए ये रकम काफी है. रामेश्वर कुशवाह ने कहा कि इस साल हमें खाने के लिए नहीं बल्कि जिंदा रहने के लिए कमाना है.
एक अन्य मजदूर का कहना था कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का पिछली मजदूरी भी मिलनी चाहिए और अभी की मजदूरी भी एक या दो हफ्ते में मिलनी चाहिए. मजदूरों का कहना है कि पंचायत रोजगार गारंटी में काम चालू किया है, जो अच्छा है.