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Khargone Navgrah Temple: यहां मकर संक्रांति पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण, आप भी इस मंदिर के करिए दर्शन

Khargone Navgrah Temple: मध्य प्रदेश में एक ऐसा सूर्य मंदिर मौजूद है, जहां सिर्फ मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पहली किरणें मंदिर की प्रतिमा पर पड़ती है.

Khargone sun temple importance
खरगोन नवग्रह मंदिर मकर संक्रांति
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Published : Jan 15, 2022, 12:50 PM IST

खरगौन। मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व माना जाता है. आज मकर संक्रांति मनाई जा रही है. पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थिति प्राचीन नवग्रह मंदिर का मकर संक्रांति पर काफी महत्व है. मकर संक्रांति का सीधा संबंध सूर्य देव से कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. (Khargone Navgrah Temple)

नवग्रह मंदिर की खासियत

नवग्रह मंदिर के प्रतिमा पर पड़ती है पहली किरण

मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर में बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही यहां सूर्य देव की प्रतिमा पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है. देश का दूसरा ऐसा यह मंदिर है, जहां सूर्य की पहली किरण आती है. यही वजह है कि देश भर से श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. नवग्रह मंदिर में मकर सक्रांति पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है.

रंग बिरंगी पतंगों से सजाया बाबा महाकाल का दरबार, तिल के लड्डूओं का लगा भोग

पुराने ज्योतिषीय सिद्धांतों पर इस मंदिर को बनाया गया

नवग्रह मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य देव विराजमान हैं, और उनके चारों ओर नवग्रह देवता विराजित हैं. सप्ताह के 7 दिन होते हैं, इसलिए मंदिर में प्रवेश करने के लिए 7 सीढ़ियां हैं. उसके बाद मां सरस्वती, पंचमुखी भगवान भोलेनाथ और श्री राम दरबार है. साल के 12 माह होते हैं, इसलिए गर्भ गृह में जाने के लिए 12 सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं. इसी तरह मानव जीवन में 12 राशियां होती हैं, इसलिए 12 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर से बाहर आते हैं. (Khargone sun temple importance)

खरगौन। मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व माना जाता है. आज मकर संक्रांति मनाई जा रही है. पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थिति प्राचीन नवग्रह मंदिर का मकर संक्रांति पर काफी महत्व है. मकर संक्रांति का सीधा संबंध सूर्य देव से कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. (Khargone Navgrah Temple)

नवग्रह मंदिर की खासियत

नवग्रह मंदिर के प्रतिमा पर पड़ती है पहली किरण

मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर में बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही यहां सूर्य देव की प्रतिमा पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है. देश का दूसरा ऐसा यह मंदिर है, जहां सूर्य की पहली किरण आती है. यही वजह है कि देश भर से श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. नवग्रह मंदिर में मकर सक्रांति पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है.

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पुराने ज्योतिषीय सिद्धांतों पर इस मंदिर को बनाया गया

नवग्रह मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य देव विराजमान हैं, और उनके चारों ओर नवग्रह देवता विराजित हैं. सप्ताह के 7 दिन होते हैं, इसलिए मंदिर में प्रवेश करने के लिए 7 सीढ़ियां हैं. उसके बाद मां सरस्वती, पंचमुखी भगवान भोलेनाथ और श्री राम दरबार है. साल के 12 माह होते हैं, इसलिए गर्भ गृह में जाने के लिए 12 सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं. इसी तरह मानव जीवन में 12 राशियां होती हैं, इसलिए 12 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर से बाहर आते हैं. (Khargone sun temple importance)

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