खरगोन। जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों और बढ़ रही मौतों को लेकर जिला प्रशासन ने 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक कोरोना कर्फ्यू लगाया है. जिसको लेकर छोटे व्यापारियों ने विरोध करते हुए एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा.
- 'आत्महत्या के अलावा कोई उपाए नहीं'
शहर के व्यापारियों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर कहा कि वे अभी बीते कोरोना कर्फ्यू से उभर भी नहीं पाए हैं. ऐसे में फिर से कोरोना कर्फ्यू लग चुका है. जबकि आगामी एक सप्ताह में त्योहार का सीजन है. इस सीजन में हम 6 माह तक बैठ कर परिवार पाल सकते हैं. व्यापारियों ने कहा हमारा व्यापार शुरू नहीं हुआ, तो हम आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे.
- नहीं चुका पाए पुराना कर्ज
व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल लगे कोरोना कर्फ्यू में व्यापारियों ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया है. लेकिन पुराने साल के कर्ज में ही डूबे हैं. खर्च यथावत है. ऐसी स्थिति में अब हम प्रशासन का सहयोग करने में असक्षम हैं. क्योंकि त्योहार के पहले व्यापारी समान खरीद चुके हैं. और जहां से उन्होंने सामान खरीदा है. वह व्यापारी 8 दिन बाद उधारी की वसूली करने लगेगा. व्यापारी माल वापस नहीं लेगा, न हम बेच पाएंगे, तो उधारी कैसे चुकाएंगे. साथ ही दुकान का किराया, बिजली का बिल और कर्मचारियों की भुगतान कहा से करेंगे. व्यापारियों का कहना है कि जिला प्रशासन कोरोना कर्फ्यू नहीं भी हटाता है, तो व्यापारी सोमवार को अपनी दुकानें खोलेंगे.
प्रशासन को सीख, दमोह में ग्रामीणों ने खुद लगाया कोरोना कर्फ्यू
- खरगोन में नगर पालिका चुनाव करा दें
व्यापारियों ने दमोह उप-चुनाव को लेकर कहा कि जहां चुनाव होते हैं. वहां कोरोना नहीं होता है, तो खरगोन में भी नगरपालिका चुनाव होना है, प्रशासन चुनाव करा दे.
- दुकानें खोली तो होगी 188 के तहत कार्रवाई
वहीं व्यापारियों की मांग पर एसडीएम सत्येंद्र सिंह का कहना है कि शासन के आदेश पर लगा कोरोना कर्फ्यू हटाना सम्भव नहीं है. इसके बाद भी व्यापारी नहीं मानें और दुकान खोलते हैं. तो उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.