खरगोन। खरगोन में एमपी नगरीय निकाय चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन के टिकट पर पार्षद पद जीतने वाली अरुणा श्याम उपाध्याय (36) ने गुरुवार को कहा कि, "सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता है." (Khargone Nikay Chunav 2022) (Khargone AIMIM councillor aruna upadhyay)
'भाईचारे' और 'इंसानियत' की जीत: खरगोन से एआईएमआईएम की नवनिर्मित पार्षद अरुणा उपाध्याय का कहना है कि, "इस साल की शुरुआत में खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगों से मैं आहत थीं, लेकिन मेरी जीत ने अब मुझे खुश कर दिया है. यह 'भाईचारे' और 'इंसानियत' की जीत है, क्योंकि मैंने धार्मिक आधार पर चुनाव नहीं लड़ा था, अब मैं इंसानियत के लिए काम करूंगी. सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना मेरी प्राथमिकता है."
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ओवैसी के विचारों से प्रभावित हैं अरुणा: अरुणा उपाध्याय का कहना है कि, मैं AIMIM प्रमुख ओवैसी के विचारों से प्रभावित होकर इस पार्टी से पार्षद टिकट पर चुनाव लड़ा, क्योंकि उन्होंने देश के संविधान और समानता के बारे में बात की थी. ओवैसी डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर और संविधान के बारे में बात करते हैं और मैं भी दलित समुदाय से हूं, इसलिए मैं उनसे प्रभावित हूं. अब से मेरे वार्ड का विकास मेरी प्राथमिकता है. मेरे पति ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे मैं जरूरतमंदों की सेवा कर सकूं और उन्हें कई बुनियादी जरूरतों के साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिला सकूं."
ऐसा रहा खरगोन का रिजल्ट: 643 मत प्राप्त करने वाली उपाध्याय ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार सुनीता गंगेले को 31 मतों के अंतर से हराया, जिन्हें 612 वोट मिले थे. इस तरह 33 सीटों पर हुए खरगोन नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने 18, निर्दलीय ने 8, कांग्रेस ने 4 और AIMIM ने तीन सीटें जीती हैं.