खरगोन। जिले में दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. खासकर किसान और पशुपालक घर में पले जानवरों का पूजन करते हैं. इस दिन गाय के गोबर से पशुपालक गोवर्धन बनाकर पूजा करते हैं.
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया था. जिससे इंद्र ने नाराज होकर भारी बारिश करनी शुरू कर दी. इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर उठाया था और उनके नीचे आश्रय लेकर गांववालों और मवेशियों ने अपनी जिंदगी बचाई थी.
लोगों ने बताया कि दीपावली के दूसरे दिन गाय को लक्ष्मी के रूप में पूजते हैं. साथ ही प्रकृति के संरक्षण के लिए गोवर्धन की पूजा की जाती है. जिसका एक ही सन्देश है कि प्रकृति का और गायों का संवर्धन और संरक्षण करें.