खरगोन। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व मे कोहराम मचा रखा है, जिससे निपटने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार के साधकों ने सोमवार से एक साल के लिए यज्ञ अनुष्ठान शुरू किया है. यज्ञ हिन्दू संस्कृति का हिस्सा रहा है. आज भी गायत्री परिवार सदियों से चली आ रही परम्परा को जीवित रखता आ रहा है. पुराने जमाने मे महामारियों से निपटने के लिए ऋषि मुनि धार्मिक अनुष्ठान करते रहे हैं. इसी पद्धति को अखिल विश्व गायत्री परिवार ने आज भी जीवित रखा है.
गायत्री परिवार के रमेश पाटीदार ने बताया कि पुरातन समय में ऋषि मुनि महामारियों से बचने के लिए अनुष्ठान करते थे. जिससे सामूहिक अनुष्ठान का महत्व आज भी है. कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार एक वर्षीय अनुष्ठान शुरू कर रहा है, जिसमें विश्व के दस लाखों लोग इस यज्ञ को अपने अपने घरों में करेंगे.
इस आयोजन में खरगोन में एक हजार एक सौ लोग शामिल हो रहे हैं, जिनके द्वारा प्रतिदिन 11 माला गायत्री मंत्र का जाप किया जाएगा. इसी तरह प्रति एकादशी को दस माला का जाप किया जाएगा. प्रति रविवार पन्द्रह-पन्द्रह मालाओं का जाप होगा. साथ ही एकादशी और नवरात्री में 24 मालाओं का गायत्री मंत्र का जाप होगा.
नवरात्रि के आखिरी दिन 108 माला गायत्री मन्त्र का जाप होगा और गायत्री मंत्र की आहुति डाली जाएगी. प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 108 माला गायत्री मंत्र का जाप होगा.