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'नकली खाद' भंडारण पर पूर्व केंद्रीय मंत्री का फूटा गुस्सा, अधिकारियों के ईमान पर उठाए सवाल, बोले रिश्वत का खेल है सारा

खरगोन जिले में सहकारी समितियों द्वारा नकली खाद भंडारण का मामला सामने आया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इसके पीछे की वजह रिश्वतखोरी बताई है तो वहीं जिला सहकारी प्रबन्ध संचालक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

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खरगोन न्यूज
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Published : Jun 25, 2021, 9:19 AM IST

खरगोन। किसानी-खेती के लिए अहम खाद को लेकर कोताही जब कोई सहकारी समिति करे तो फिर आम किसान भरोसा करे तो किस पर. ऐसे ही कुछ आरोप खरगोन जिले की दो सहकारी समितियों टेम्ला और रजुर पर लगे तो सवाल उठने लगे. मामला नकली खाद भंडारण का है और आक्रामक सवालों की झड़ी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने लगाई है. उन्होंने इसकी वजह रिश्वतखोरी बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. दूसरी ओर अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शिकायत के आधार पर सेम्पल जांच के लिए भेज दिए हैं.

तीस हजार की रिश्वत का खेल!

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सहकारी समितियों के प्रबंधकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसे रिश्वतखोरी से जोड़ा है. कहा कि समिति प्रबन्धको को तीस-तीस हजार रुपए और एक-एक लेपटॉप दिया गया है. यादव ने दावा किया कि जांच हुई तो कई और अधिकारियों के शामिल होने कि पुष्टि हो सकती है.

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जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी
इस पूरे मसले पर कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने जांच का भरोसा दिया है. उनका कहना है कि खाद सेम्पल की जांच हो रही है. इसके बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पूर्व मंत्री के आरोपों पर जिला सहकारी प्रबन्ध संचालक आरके जैन भी बोले हैं. उन्होंने संस्थाओ का बचाव किया है और कहा है कि इन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं.

खरगोन। किसानी-खेती के लिए अहम खाद को लेकर कोताही जब कोई सहकारी समिति करे तो फिर आम किसान भरोसा करे तो किस पर. ऐसे ही कुछ आरोप खरगोन जिले की दो सहकारी समितियों टेम्ला और रजुर पर लगे तो सवाल उठने लगे. मामला नकली खाद भंडारण का है और आक्रामक सवालों की झड़ी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने लगाई है. उन्होंने इसकी वजह रिश्वतखोरी बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. दूसरी ओर अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शिकायत के आधार पर सेम्पल जांच के लिए भेज दिए हैं.

तीस हजार की रिश्वत का खेल!

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सहकारी समितियों के प्रबंधकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसे रिश्वतखोरी से जोड़ा है. कहा कि समिति प्रबन्धको को तीस-तीस हजार रुपए और एक-एक लेपटॉप दिया गया है. यादव ने दावा किया कि जांच हुई तो कई और अधिकारियों के शामिल होने कि पुष्टि हो सकती है.

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जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी
इस पूरे मसले पर कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने जांच का भरोसा दिया है. उनका कहना है कि खाद सेम्पल की जांच हो रही है. इसके बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पूर्व मंत्री के आरोपों पर जिला सहकारी प्रबन्ध संचालक आरके जैन भी बोले हैं. उन्होंने संस्थाओ का बचाव किया है और कहा है कि इन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं.

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