खरगोन। बीमा राशि से ऋण वसूली के सरकारी फरमान पर पूर्व मंत्री सचिन यादव ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आज जब किसान संकट में है, खरीफ की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. किसान पहले ही कर्ज में दबा हुआ है. किसानों को रबी सीजन की बोवनी के लिए रुपये और खाद-बीज की जरूरत है. ऐसी स्थिति में प्रदेश की बीजेपी सरकार किसानों राहत की जगह उनका शोषण कर रही है. 2019 का फसल बीमा जो कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार की देन है. उसे पुराने कर्ज में वसूल किया जाएगा. कांग्रेस इसका घोर विरोध करती है. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह से मांग करते हैं कि इस आदेश को वापस लिया जाए.
किसानों के खाते में बीमा राशि जमा होने के पूर्व ही 15 सितंबर को एक आदेश जारी किया गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को मिलने वाली फसल बीमा की राशि से प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के ऐसे किसान जिन पर ऋण बकाया है, उनसे ये रकम वसूली जाए. इस सरकारी आदेश से किसानों में खलबली मच गई थी.
गौरतलब है कि खरगोन जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 118 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि 1 लाख 43 हजार 327 किसानों के खाते में सरकार ने आज जमा कराई है. इस योजना के तहत 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ 2019 के लिए 15 हजार 221 करोड़ 52 लाख रुपये का बीमा किया गया था. पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने बताया कि बीमा प्रीमियम के लिए किसानों का अंशदान 352 करोड़ 62 लाख रुपये और राज्यांश 509 करोड़ 60 लाख रुपये कांग्रेस की सरकार ने जमा कराया था, जिसे भाजपा सरकार अब छीनने जा रही है, जो सरासर गलत है. अगर बीजेपी सरकार ये कदम उठाती है तो इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी.