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निमाड़ उत्सव : कवि सम्मेलन में शामिल हुए विख्यात कवि, देर रात तक बांधा समां

खरगोन के महेश्वर में निमाड़ उत्सव में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विख्यात कवियों ने कविता पाठ किया.

निमाड़ उत्सव
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Published : Nov 12, 2019, 7:15 PM IST

खरगोन। महेश्वर में चल रहे निमाड़ उत्सव में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विख्यात कवियों ने देर रात तक समां बांध लोगों का मन मोह लिया.

विख्यात कवियों ने देर रात तक बांधा समां


विख्यात कवियों ने बांधा समां
कवि सम्मेलन में विख्यात कवियों ने कविता पाठ कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं इस काव्य पाठ में राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर, कवियित्री कविता तिवारी, सम्पत सरल समेत कई कवियों ने अपने कविता पाठ से लोगों को गुदगुदाया.

मीडिया से रूबरू हुए राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर


मीडिया से रूबरू हुए राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर
राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि निमाड़ उत्सव में आकर पवित्र अनुभूति हुई. ये एक ऐसा उत्सव है जो हमारी संस्कृति-परिवेश को दर्शाता है. बगल में मां नर्मदा बह रही हैं. जो अपने आप में अनूठी हैं.

खरगोन। महेश्वर में चल रहे निमाड़ उत्सव में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विख्यात कवियों ने देर रात तक समां बांध लोगों का मन मोह लिया.

विख्यात कवियों ने देर रात तक बांधा समां


विख्यात कवियों ने बांधा समां
कवि सम्मेलन में विख्यात कवियों ने कविता पाठ कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं इस काव्य पाठ में राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर, कवियित्री कविता तिवारी, सम्पत सरल समेत कई कवियों ने अपने कविता पाठ से लोगों को गुदगुदाया.

मीडिया से रूबरू हुए राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर


मीडिया से रूबरू हुए राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर
राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि निमाड़ उत्सव में आकर पवित्र अनुभूति हुई. ये एक ऐसा उत्सव है जो हमारी संस्कृति-परिवेश को दर्शाता है. बगल में मां नर्मदा बह रही हैं. जो अपने आप में अनूठी हैं.

Intro:खरगोन
प्रदेश खरगोन जिले के महेश्वर में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त निमाड़ उत्सव के तीसरे चरण में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें देश के नामचीन कवियों ने देर रात तक लोगों को अपनी कविताओं के माध्यम से बांधे रखा।



Body:खरगोन जिले के महेश्वर में आयोजित निमाड़ उत्सव के प्रथम दिवस पर देश के नामचीन कवियों ने अपने काव्य पाठ से लोगों को मंत्रमुग्ध कर बांध रहा बांधे रखा जिसमें कवयित्री कविता तिवारी ने जब जिम्मेदारियों का परिवार पर बोझ पड़ा तो ऑटो ट्रैन चलाने लगी बेटियां,वही राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर खुश या दुखी व्यक्ति नही होता। खुशी या दुःखी दिल होता है। सम्पत सरल सहित कई कवियों ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को गुदगुदाया। वही मीडिया से चर्चा करते हुए राष्ट्रीय कवि अशोक चक्रधर ने कहा कि निमाड़ उत्सव में आकर पवित्र अनुभूति और झनकार हो रही है। मेरे बगल में मां नर्मदा भ रही है। इस किले की सीढ़ियों पर अपार जन समूह बैठा है। यह एक ऐसा उत्सव है हमारी संस्कृति परिवेश की दर्शना करने वाला है। यहां कई घटनाएं हुई है। होलकरों का शासन रहा है न जाने कितने लोग गुजरे है। और माँ नर्मदा अपने आप मे अनूठी है। वो कुआंरी है जब अपनी सहेली से रूठ गई तो उल्टे पांव लौट गई। बंगाल की खाड़ी में मिलने के बजाय अरब सागर की ओर दौड़ गई। अपनी अस्मिता को साबित करने की ललक पुराणिक कथा में है। साथ ही हर तरह की व्यथा को हरने वाली नर्मदा का जल हमे उत्सव धर्मी बना देता है। वही राम मंदिर के फैसले को लेकर कहा कि महेष्वर साड़ी का दोनो पल्लू खूबसूरत होता है। दोनों ओर से एक समान रहता है। इसी प्रकार फैसले को इधर से देखो तो भी खूबसूरत और उधर से भी खूबसूरत है। ये एक ऐसा निर्णय है । जिसे पूरे देश ने स्वीकार किया है ये हमारे स्वमनस्य कि संस्कृति को रेखांकित करता है। पुर देश इसे सम्मान से देखता है।
कुछ विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ पतीले से गर्म है। जिनके पेंदे में गर्मी है। वो ऊपर से पानी के छींटे मारो तो भी ठंडे नही होते वो धीरे धीरे शांत हो जाएंगे। वोभी समझेंगे देश की अस्मिता ओर देश को मन्दिर बनाए रखना हमारे लिए मन्दिर ओर मस्जिद से ऊंची बात है। ये देश ने कर दिखाया है कि हम सौहार्द की नदी में डुबकी लगा सकते है। बाइट-अशोक चक्रधर राष्ट्रीय कवि


Conclusion:
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