खरगोन। लॉकडाउन का वह दौर जब युवाओं व वृद्ध भी कोरोना संक्रमण से सहमे हुए थे. सभी अपने-अपने घरों में बस एक ही आस लगाए थे कि कोरोना कब खत्म होगा. बहरहाल कोरोना तो खत्म नहीं हुआ, लेकिन इसके लिए भारत देश ने अपना पहला टीका बनाकर विश्व पटल पर हम सभी को गौरवांवित होने का अवसर दिया है. देश के वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया कि आज भी भारत देश बौद्धिक क्षमता के आधार पर देश की जनता बल्कि मानव जाति में सबसे आगे है. कोरोना संक्रमण न सिर्फ युवाओं को बल्कि वृद्धों को भी अपनी चपेट में ले रहा था. तब सब टीके को लेकर उम्मीद लगाए बैठे थे. आज जब टीका हमारे शहरों में लगना शुरू हुआ, तो सबकी एक ही आस की हमारी बारी कब आएगी.
आखिरकार 1 मार्च से देश के नागरिकों को टीका लगाना शुरु कर दिया गया. ऐसी स्थिति में खरगोन के पटेल नगर कॉलोनी निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्यामलाल भावसार की 95 वर्षीय पत्नी सुभद्राबाई भी पीछे नहीं रहीं. उन्होंने अपना पंजीयन कराने के बाद पुराना अस्पताल स्थित टीकाकरण केंद्र पहुंचकर टीका लगाया. सुभद्राबाई जिले के पहली सबसे उम्रदराज है, जिन्होंने सोमवार को टीका लगवाया है.
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3 माह पूर्व हुआ था संक्रमण
खुशी की बात यह है कि 95 वर्षीय सुभद्राबाई को कोरोना संक्रमण होने के बाद भी अपनी इम्यूनिटी के दम पर कोरोना को हराया भी. सुभद्राबाई 13 दिसंबर को करोना से संक्रमित हुई थीं. इसके बाद इन्हें इंदौर के निजी अस्पताल के भर्ती किया गया था. 4 दिनों तक चले इलाज के बाद 6 दिनों के बाद वे फिर से स्वस्थ्य होकर घर लौटी. सोमवार को उन्हें टीका लगवाकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सबकों संदेश दिया है कि महिला चाहे वह युवा हो या वृद्ध वह कभी भी पीछे नहीं. उन्होंने टीका लगवाकर आज सभी नारी शक्तियों को गौरवांवित होने का मौका भी दिया है.
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सोमवार को 13 केंद्रों पर 889 व्यक्तियों को लगाया टीका
सीएमएचओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को जिले में 13 केंद्रों पर टीका लगाया गया. इन केंद्रों में खरगोन स्थित प्रशिक्षण केंद्र में 2 केंद्र, सिविल अस्पताल बड़वाह व सनावद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरूड, सेगांव, भीकनगांव, गोगावां, झिरन्या, कसरावद, महेश्वर, मंडलेश्वर व भगवानुपरा शामिल है. सोमवार को 60 से अधिक आयु व 45 से 59 वर्ष कोमोर्बिड व्यक्तियों को दोपहर 3 बजे तक 729 व्यक्तियों को टीका लगाया गया. वहीं एफएलडब्ल्यू तथा एससीडब्ल्यू के चिन्हित 160 कर्मियों को टीका लगाया गया.