खरगोन। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को गांव में रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना शुरू की गई थी. जिसमें दिव्यांगो को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान किए थे. लेकिन पंचायतों में विकलांगों को काम नहीं दिया गया. जिले में करीब 23 हजार दिव्यांग हैं. जिनमें से महज 5 हजार दिव्यांगों को ही जॉब कार्ड दिया गया है. दिव्यांगों ने प्रशासन से रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की है.
दिव्यांगों का आरोप है कि सरपंच सचिव मिलकर मनरेगा में भ्रष्टाचार करते हैं. यहां तक की अभिनेत्रियों के जॉब कार्ड बनाकर उन पर पैसे निकाले गए. लेकिन उन्हें रोजगार नहीं देते. वहीं जनपद सीईओ राजेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरे जिले की जानकारी मेरे पास नहीं है, लेकिन खरगोन जनपद में कई दिव्यांगों को मनरेगा के तहत मजदूरी दी गई है.