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100 साल की वृद्ध ने दी कोरोना को मात, कैंसर से भी थीं पीड़ित

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Published : Aug 3, 2020, 8:40 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 10:16 PM IST

खरगोन जिले में एक 100 वर्षीय महिला ने कोरोना से जंग जीत ली है. बता दें कि बीते 17 जुलाई को महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थीं. जिसके बाद उसे घर में ही आइसोलेट करते हुए उसका डॉक्टरों ने ध्यान रखा था.

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वृद्ध ने दी कोरोना को मात

खरगोन। कहते हैं कि जब तक मन में जीवन जीने की तमन्ना हो, तब तक मौत आकर भी छू नहीं सकती. ऐसे ही खरगोन जिले की एक वृद्धा ने कोरोना को मात देकर साबित कर दिया है. जिले के बड़वाह के सुराणा नगर की 100 वर्ष की वृद्ध महिला के आगे कोरोना बोना साबित हुआ है. 17 जुलाई को रूक्मणी खुश्याल चौहान के सैंपल लिए गए थे. जिसकी 21 जुलाई को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. उनकी वर्तमान स्थिति और घर में ही उनका पोता कोरोना को हराकर लौटा था. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए रूकमणी को घर में आइसोलेट किया गया था.

प्रदेश में एक मात्र यह ऐसा पहला मामला होगा, जब मरीज कोरोना के अलावा अन्य पुरानी बीमारी केंसर से भी ग्रसित रहा हो. इतनी उम्रदराज महिला होने के बावजूद कोरोना से लड़कर स्वस्थ्य हुई हैं. वास्तव में उनके आत्मबल और रोग प्रतिरोधक क्षमता ने साबित कर दिया कि कोरोना में उचित देखरेख और व्यवस्थित दिनचर्या अपना कर कोरोना को पछाड़ा जा सकता है.

एसडीएम मिलिंद ढोके ने बताया कि 21 जुलाई को उम्रदराज महिला के पॉजिटिव आने के बाद हमारे सामने एक चुनौती थी. कारण यह था कि उनको केंसर की भी बीमारी थी. इसके चलते उनके घर में डॉक्टरों की निगरानी में हर रोज जांच और हर हलचल पर ध्यान रखा गया था. वहीं रूकमणी देवी की रोग प्रतिरोधक क्षमता के आगे आखिरकार कोरोना हार गया. आज रूकमणी और उनके परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली और परिवार अपनी पूर्ववत दिनचर्या में लौट आया है.

खरगोन। कहते हैं कि जब तक मन में जीवन जीने की तमन्ना हो, तब तक मौत आकर भी छू नहीं सकती. ऐसे ही खरगोन जिले की एक वृद्धा ने कोरोना को मात देकर साबित कर दिया है. जिले के बड़वाह के सुराणा नगर की 100 वर्ष की वृद्ध महिला के आगे कोरोना बोना साबित हुआ है. 17 जुलाई को रूक्मणी खुश्याल चौहान के सैंपल लिए गए थे. जिसकी 21 जुलाई को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. उनकी वर्तमान स्थिति और घर में ही उनका पोता कोरोना को हराकर लौटा था. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए रूकमणी को घर में आइसोलेट किया गया था.

प्रदेश में एक मात्र यह ऐसा पहला मामला होगा, जब मरीज कोरोना के अलावा अन्य पुरानी बीमारी केंसर से भी ग्रसित रहा हो. इतनी उम्रदराज महिला होने के बावजूद कोरोना से लड़कर स्वस्थ्य हुई हैं. वास्तव में उनके आत्मबल और रोग प्रतिरोधक क्षमता ने साबित कर दिया कि कोरोना में उचित देखरेख और व्यवस्थित दिनचर्या अपना कर कोरोना को पछाड़ा जा सकता है.

एसडीएम मिलिंद ढोके ने बताया कि 21 जुलाई को उम्रदराज महिला के पॉजिटिव आने के बाद हमारे सामने एक चुनौती थी. कारण यह था कि उनको केंसर की भी बीमारी थी. इसके चलते उनके घर में डॉक्टरों की निगरानी में हर रोज जांच और हर हलचल पर ध्यान रखा गया था. वहीं रूकमणी देवी की रोग प्रतिरोधक क्षमता के आगे आखिरकार कोरोना हार गया. आज रूकमणी और उनके परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली और परिवार अपनी पूर्ववत दिनचर्या में लौट आया है.

Last Updated : Aug 3, 2020, 10:16 PM IST
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