खरगोन/भोपाल। मध्य प्रदेश के निमांड़ अंचल में मुख्य तौर पर मिर्ची (Chili) की पैदावार होती है. इस साल भी अच्छी पैदावार हुई है मगर अच्छे दाम न मिलने से कारोबारी और किसान खुद को मुसीबत में पा रहे हैं, यही कारण है कि वे चाहते हैं कि मिर्ची की ब्रांडिंग (Chili Branding) की जाए.
खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने के लिए बैठक
इंदौर संभाग के खरगोन जिले में 8 सितंबर को जिला और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बेड़िया कृषि उपज मंडी में स्थानीय मिर्च व्यापारियों के साथ बैठक की. बैठक का उद्देश्य स्थानीय मंडी से मिर्च का निर्यात करने की दिशा में उनकी जरूरत और खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां (food processing units) स्थापित करने के लिए व्यापारियों की राय लेना था.
मिर्च व्यापारी विदेशों में करना चाहते हैं मिर्च का निर्यात
उद्यानिकी के एसएसडीओ पर्वत बड़ोले ने बताया कि यहां के मिर्च व्यापारी (Chili businessmen) देश-विदेश में मिर्च का व्यापार करना, निर्यात (export) करना चाहते हैं. उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे. साथ ही 'एक जिला एक उत्पाद' की आगामी बैठक में व्यापारियों की जरूरतों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
बैठक में मिर्च व्यापारी अनीस अहमद ने कहा कि जैसे गुंटूर के व्यापारी विदेशों में मिर्च सप्लाई करते हैं. यह इस इलाके के किसानों के लिए कैसे संभव हो सकता है, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए तो अच्छा रहेगा.
बेड़िया के ही एक अन्य व्यापारी अजम खान ने सुझाव दिया कि मिर्च आधारित उद्योगों की कार्यविधि तथा निर्यात के कार्य व रूपरेखा जानने के लिए अन्यत्र विजिट कराया जाए तो सुविधा होगी.
कमलनाथ ने शिवराज को लिखा पत्र, मिर्च उत्पादक किसानों को विशेष राहत पैकेज देने की मांग
कमलनाथ ने शिवराज सिंह को लिखा पत्र
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chuahan) को पत्र लिखा है, जिसमें मिर्ची उत्पादकों की समस्या से अवगत करते हुए कहा है कि प्रदेश में मिर्च का उत्पादन अधिक होने के बावजूद उसके बाजार भाव अत्यंत कम हैं. प्रदेश के मिर्ची उत्पादक किसान भाइयों को राहत देने के लिए विशेष पैकेज अथवा भावांतर की राशि दी जाए.