खरगोन। शहर के निजी अस्पताल विजयलक्ष्मी की लापरवाही ने तीन साल के मासूम की जान ले ली. बताया जा रहा है कि, खाली सिलेंडर लगाए जाने की वजह से उसकी सांसे थम गईं. बच्चे के दादा मनोहर लाल ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा है कि बच्चे को सर्दी- खांसी होने की वजह से हॉस्पिटल लेकर आए थे. सांस लेने में तकलीफ के चलते डॉक्टर ने उसे ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा. अस्पताल प्रबंधन तीन हजार रुपए की मांग कर रहा था. तत्काल रुपए जमा करवाने के बाद ऑक्सीजन लगा दिया गया, लेकिन ऑक्सीजन का जो सिलेंडर लगाया गया वो खाली था. उनका आरोप है कि, जब उन्होंने देखा कि ऑक्सीजन का सिलेंडर खाली तो तुरंत बदलवाया लेकिन दूसरा सिलेंडर भी खाली ही लगा दिया. जिससे बच्चे की मौत हो गई.
अस्पताल प्रबंधन का शर्मनाक बयान
वहीं जब इस मामले में अस्पताल प्रबंधन से बात की गई, तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए शर्मनाक बयान दिया. कहा कि, इलाज कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ उमेश श्रीवास्तव से बात करें. वहीं डॉ उमेश श्रीवास्तव ने लापरवाही का जिम्मा अस्पताल प्रंबधन पर डाल दिया. उन्होंने कहा कि, उनके द्वारा बच्चे को देखकर दवाइयां लिखी गई, उसके बाद अस्पताल में क्या हुआ उससे उन्हें क्या लेना- देना, अस्पताल प्रबंधन से ही बात करें.
अस्पताल के चेयरमैन परसराम चौहान का कहना है कि, यहां कोई लापरवाही नहीं हुई और बच्चे को एमडी डॉक्टर द्वारा देखा गया और उनकी देखरेख में ही इलाज हुआ. ऑक्सीजन सिलेंडर खाली होने की बात गलत है. ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चे की मौत इलाज के दौरान हुई है, तो ऐसे में मौत की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन नहीं लेगा तो कौन लेगा.