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पानी-पानी स्कूल परिसर, कीचड़ भरे रास्तों से 'भविष्य' का सफर तय कर रहे मासूम - पानी-पानी स्कूल परिसर

खरगोन में शासकीय स्कूलों की बदहाली का खामियाजा वहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि सरकार बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के जतन तो कर रही है, लेकिन स्कूल में जरूरी संसाधनों की व्यवस्था पर खामोश है.

पानी-पानी स्कूल परिसर
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Published : Jul 31, 2019, 3:10 PM IST

खरगोन। केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक नौनिहालों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, यहां तक की उन्हें स्कूल में दोपहर का भोजन, ड्रेस, किताबें और कॉपी तक मुफ्त में दी जाती हैं. संविधान में भी हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिला हुआ है, लेकिन इन सबके अलावा सबसे जरूरी बेहतर माहौल मुहैया कराना है, साथ ही स्कूलों की बदहाली पर ध्यान देना जरूरी है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. बारिश के चलते ज्यादातर स्कूल परिसर पानी-पानी हो गये हैं, जबकि कहीं कीचड़ मासूमों का रास्ता रोक रहे हैं.

कीचड़ भरे रास्तों से 'भविष्य' का सफर तय कर रहे मासूम

जिला मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में कई प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल संचालित होते हैं. इस परिसर में थोड़ी सी बारिश से ही मैदान में लबालब पानी भर जाता है. जिसके चलते बच्चों को कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजारना पड़ता है, जिससे यूनिफॉर्म गंदी और बैग भीग जाते हैं, जिसके चलते उन्हें स्कूल में डांट सहनी पड़ती है.

खरगोन। केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक नौनिहालों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, यहां तक की उन्हें स्कूल में दोपहर का भोजन, ड्रेस, किताबें और कॉपी तक मुफ्त में दी जाती हैं. संविधान में भी हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिला हुआ है, लेकिन इन सबके अलावा सबसे जरूरी बेहतर माहौल मुहैया कराना है, साथ ही स्कूलों की बदहाली पर ध्यान देना जरूरी है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. बारिश के चलते ज्यादातर स्कूल परिसर पानी-पानी हो गये हैं, जबकि कहीं कीचड़ मासूमों का रास्ता रोक रहे हैं.

कीचड़ भरे रास्तों से 'भविष्य' का सफर तय कर रहे मासूम

जिला मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में कई प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल संचालित होते हैं. इस परिसर में थोड़ी सी बारिश से ही मैदान में लबालब पानी भर जाता है. जिसके चलते बच्चों को कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजारना पड़ता है, जिससे यूनिफॉर्म गंदी और बैग भीग जाते हैं, जिसके चलते उन्हें स्कूल में डांट सहनी पड़ती है.

Intro:मध्य प्रदेश सरकार शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लाख प्रयास कर ले। परंतु लालफीताशाही की लापरवाही के चलते नौनिहालों को कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजारना पड़ता है। ऐसा ही एक स्कूल परिसर उत्कृष्ट स्कूल मैदान जहां पर दर्जनभर स्कूल है। वहां पर थोड़ी सी बारिश से स्कूल परिसर में पानी भर जाता है।


Body:खरगोन जिला मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट स्कूल मैदान परिसर है जहां पर लगभग दर्जनभर स्कूल इस परिसर में है एकलव्य स्कूल प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूले हैं इस परिसर में थोड़ी सी बारिश से ही मैदान में लबालब पानी भर जाता है स्कूली छात्रों ने बताया कि थोड़े से पानी में ही यहां पर पानी भर जाता है जिससे हमें पानी से होकर गुजरना पड़ता है । पानी से गुजर कर आ रही छटी कक्षा की छात्रा रवीना ने बताया कि मैं अपने भाई को छोड़ने प्रतिदिन आती हूं। भाई को छोड़ने के बाद मैं कन्या शाला स्कूल में पढ़ने जाती हूं। जब भी बारिश होती है इसी तरह निकलना पड़ता है।
बाइट-रवीना छात्रा
वहीं उत्कृष्ट विद्यालय के छात्र दीपांशु ने बताया कि इसी तरह हमेशा पानी से गुजरते हैं। जिससे यूनिफॉर्म गंदी हो जाती है कभी पानी में गिरने से पुस्तकें कापिया गिली हो जाती है ओर स्कूल में डांट खाना पड़ता है।
बाइट दीपांशु छात्र
वही एकलव्य छात्रावास के प्रभारी शिक्षक ने बताया कि हमेशा इसी तरह पानी भरा रहता है जिससे बच्चों को बीमारियों का खतरा बना रहता है साथ ही पानी जमा होने से मच्छर भी परेशान करते है।
बाइट कृष्णा राज राठौड़ प्रभारी एकलव्य वहीं उर्दू स्कूल के शिक्षक ने कहा कि बारिश में यहां डेढ़ सौ दो फीट पानी भर जाता है जिससे बच्चों को बड़ी दिक्कतों के साथ पानी के बीच आना पड़ता है सड़क तो बनी हुई है परंतु सड़क पर भी पानी आ जाता है।
बाइट अबरार अहमद खान शिक्षक


Conclusion:मध्य प्रदेश सरकार स्कूलों में प्रवेश बढ़ाने के लिए स्कूल चले हम अभियान चलाकर बच्चों को स्कूल तरफ आकर्षित करने का प्रयास करती है। परंतु शासन का संसाधनों पर ध्यान नहीं है। जिससे स्कूलों में प्रवेश दर दिन-ब-दिन कम होती जा रही है।
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