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यूरिया संकट पर बोले कृषि अधिकारी, कहा- जल्द दूर होगी समस्या - खरगोन

खरगोन में यूरिया संकट को लेकर चल रही समस्या पर कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया की, किसानों की यूरिया संबधित समस्या जल्द दूर की जाएगी.

Cotton farming
कपास की खेती
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Published : Jul 3, 2020, 11:29 AM IST

खरगोन। जिले में यूरिया खाद की समयस्या और वितरण को लेकर कृषि अधिकारी ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि, किसानों की समस्या जल्द दूर होगी. कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने बताया कि, जिले में किसान कपास, सोयाबीन और मिर्च की फसल बड़ी मात्रा में बोते हैं. जिसको लेकर खाद की मांग बढ़ गई है. जिसकी आपूर्ति समय पर करने के लिए कृषि विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.

यूरिया संकट पर बोले कृषि अधिकारी

कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने जानकारी देते हुए कहा कि, इस साल आधे से ज्यादा क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई है. जिसमें करीब 2 लाख दस हजार हेक्टेयर कपास बोया गया है. साथ ही मिर्च का रकबा भी बढ़ा है, जो लगभग 50 हजार हेक्टेयर में बोई गई है. इसके साथ ही 75 हजार हेक्टेयर में मक्के की बुआई हुई है. इन फसलों में बड़ी मात्रा में यूरिया की जरूरत होती है.

उन्होंने बताया कि, खरगोन जिले में 8 रैक यूरिया आई है, जिसमें इंदौर में 5 रैक, खंडवा में 2 रैक लगे है. इंदौर में लगी 5 रैकों से 15 सौ मीट्रिक टन और खंडवा में लगी रैकों से 15 सौ मीट्रिक टन यूरिया मिला है. एमएल चौहान ने बताया कि, यूरिया समितियों के माध्यम से वितरित हो रही है. उनका कहना है कि, जहां यूरिया नहीं पहुंच पा रही है, वहां निरंतर गाड़ियों के माध्यम से पहुंचया जा रहा है. इसके साथ ही उमरखली की सोसायटी द्वारा राशि लेने के बाद भी यूरिया नहीं देने के मामले की जांच की बात कही है.

खरगोन। जिले में यूरिया खाद की समयस्या और वितरण को लेकर कृषि अधिकारी ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि, किसानों की समस्या जल्द दूर होगी. कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने बताया कि, जिले में किसान कपास, सोयाबीन और मिर्च की फसल बड़ी मात्रा में बोते हैं. जिसको लेकर खाद की मांग बढ़ गई है. जिसकी आपूर्ति समय पर करने के लिए कृषि विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.

यूरिया संकट पर बोले कृषि अधिकारी

कृषि अधिकारी एमएल चौहान ने जानकारी देते हुए कहा कि, इस साल आधे से ज्यादा क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई है. जिसमें करीब 2 लाख दस हजार हेक्टेयर कपास बोया गया है. साथ ही मिर्च का रकबा भी बढ़ा है, जो लगभग 50 हजार हेक्टेयर में बोई गई है. इसके साथ ही 75 हजार हेक्टेयर में मक्के की बुआई हुई है. इन फसलों में बड़ी मात्रा में यूरिया की जरूरत होती है.

उन्होंने बताया कि, खरगोन जिले में 8 रैक यूरिया आई है, जिसमें इंदौर में 5 रैक, खंडवा में 2 रैक लगे है. इंदौर में लगी 5 रैकों से 15 सौ मीट्रिक टन और खंडवा में लगी रैकों से 15 सौ मीट्रिक टन यूरिया मिला है. एमएल चौहान ने बताया कि, यूरिया समितियों के माध्यम से वितरित हो रही है. उनका कहना है कि, जहां यूरिया नहीं पहुंच पा रही है, वहां निरंतर गाड़ियों के माध्यम से पहुंचया जा रहा है. इसके साथ ही उमरखली की सोसायटी द्वारा राशि लेने के बाद भी यूरिया नहीं देने के मामले की जांच की बात कही है.

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