खरगोन। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने देवी अहिल्याबाई की सभी संपत्तियों को सरकार के अधीन करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद मध्यप्रदेश की पौराणिक नगरी महेश्वर के किले, घाट और मंदिरों का अधिपत्य अब मध्यप्रदेश सरकार का होगा. आदेश के बाद महेश्वर में 102 संपत्तियों को प्रशासन ने अपने आधिपत्य में ले लिया है. कोर्ट का आदेश एसडीएम ने खासगी ट्रस्ट प्रबंधक को देकर संपत्ति को अपने अधिपत्य में लिया.
हाई कोर्ट के आदेश के बाद खरगोन कलेक्टर अनुग्रहा पी ने एसडीएम को संपत्तियों की लिस्ट बनाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद गुरुवार महेश्वर तहसील की संपत्तियों का आधिपत्य एसडीएम संघ मित्र ने खासगी ट्रस्ट के प्रबंधक रावत को सौंपकर संपत्तियों का आधिपत्य किया.
किला परिसर में खासगी ट्रस्ट की सम्पत्ति को किराए पर भी दिया गया है. जिसमें होटल और अन्य कार्य संचालित हो रहे हैं. एसडीएम ने समस्त किराए के दस्तावेज सहित कुल संपत्तियों के भौतिक सत्यापन कर कलेक्टर के समक्ष सौंपने के निर्देश दिए हैं. वहीं शासन के तरफ से एसडीएम को संपत्तियों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश मिले हैं. जिसकी लिस्ट बनाकर खरगोन कलेक्टर को सौंपी जाएगी. महेश्वर के प्रसिद्ध घाट, राजवाड़ा ऐतिहासिक किला स्थित मंदिर सहित कुल 102 संपत्तियों पर मध्य प्रदेश शासन का आधिपत्य होने से हवा बंगला (जहा होटल संचालित हो रहा है) लिंगार्चन वाली जगह, तोपखाने की लाइन, प्रसिद्ध पंड्रिनाथ मंदिर, भवानी माता मंदिर, ज्वालेश्वर मंदिर सहित 32 घाट, धर्मशाला और छत्रिया भी शामिल हैं.
शासन का आधिपत्य होने से जीर्ण संपत्तियों के जीर्णोद्धार की उम्मीद भी जगी है. महेश्वर किले की नर्मदा मार्ग वाली दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है. इसके साथ ही कई छत्रिया और मंदिर मरम्मत की बांट जोह रहे हैं. कोर्ट के आदेशानुसार अब खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों का मालिक शासन है, तो शासन के प्रतिनिधि के रूप में कलेक्टर के आदेश अनुसार संपत्तियों का आधिपत्य लिया है.