ETV Bharat / state

प्रशासन ने बदला रावण दहन का स्थान, लोगों ने कहा ये पौराणिक मान्यताओं के विरुद्ध

खरगोन में जिला प्रशासन ने हर साल किये जाने वाले रावण दहन के स्थान को परिवर्तित कर के दक्षिण दिशा से पश्चिम दिशा की ओर कर दिया है. जिससे लोगों ने आपत्ति जताई है.

प्रशासन ने किया रावण दहन का स्थान परिवर्तन
author img

By

Published : Oct 6, 2019, 1:01 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 3:10 PM IST

खरगोन। प्रदेश भर में दशहरे के पर्व पर जगह-जगह रावण दहन किये जाएंगे. वहीं जिला प्रशासन ने नगर पालिका के प्रतिवर्ष किए जाने वाले रावण दहन के स्थान को बदल कर दक्षिण दिशा से पश्चिम दिशा की ओर कर दिया है. जिसे लोगों ने पौराणिक मान्यताओं के विरुद्ध बताया है.

प्रशासन ने बदला रावण दहन का स्थान

नगर पालिका प्रशासन की ओर से दशकों से स्टेडियम मैदान पर रावण दहन होता रहा है. परंतु इस साल कुछ बच्चों के वहां पर खेलने के लिए लगाई गई अमेरिकन घास का हवाला देते हुए जिला प्रशासन को एक आवेदन गया था. जिस पर शांति समिति की बैठक में निर्णय लेते हुए इसे नवग्रह मैदान पर करने का निर्णय लिया है. इस पर पंडितों और लोगों के अनुसार गलत दिशा बताई जा रही है.

पंडित गोपाल चंद्र जोशी ने बताया कि लंका दक्षिण दिशा में है राम द्वारा दक्षिण में रामेश्वरम की स्थापना कर रामसेतु बनाया गया था. वहीं स्थानीय रणजीत सिंह डंडीर ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार दक्षिण दिशा में ही रावण का दहन किया जाता है. परंतु छोटी सी घास के कारण जिला प्रशासन द्वारा ऐसा निर्णय लिया गया निर्णय गलत है. भाजपा के जिलाध्यक्ष परसराम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार है और उनका नारा है वक्त है बदलाव का. बीते वर्ष भी इसी तरह का आवेदन आया था.

खरगोन। प्रदेश भर में दशहरे के पर्व पर जगह-जगह रावण दहन किये जाएंगे. वहीं जिला प्रशासन ने नगर पालिका के प्रतिवर्ष किए जाने वाले रावण दहन के स्थान को बदल कर दक्षिण दिशा से पश्चिम दिशा की ओर कर दिया है. जिसे लोगों ने पौराणिक मान्यताओं के विरुद्ध बताया है.

प्रशासन ने बदला रावण दहन का स्थान

नगर पालिका प्रशासन की ओर से दशकों से स्टेडियम मैदान पर रावण दहन होता रहा है. परंतु इस साल कुछ बच्चों के वहां पर खेलने के लिए लगाई गई अमेरिकन घास का हवाला देते हुए जिला प्रशासन को एक आवेदन गया था. जिस पर शांति समिति की बैठक में निर्णय लेते हुए इसे नवग्रह मैदान पर करने का निर्णय लिया है. इस पर पंडितों और लोगों के अनुसार गलत दिशा बताई जा रही है.

पंडित गोपाल चंद्र जोशी ने बताया कि लंका दक्षिण दिशा में है राम द्वारा दक्षिण में रामेश्वरम की स्थापना कर रामसेतु बनाया गया था. वहीं स्थानीय रणजीत सिंह डंडीर ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार दक्षिण दिशा में ही रावण का दहन किया जाता है. परंतु छोटी सी घास के कारण जिला प्रशासन द्वारा ऐसा निर्णय लिया गया निर्णय गलत है. भाजपा के जिलाध्यक्ष परसराम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार है और उनका नारा है वक्त है बदलाव का. बीते वर्ष भी इसी तरह का आवेदन आया था.

Intro:अपडेट एंकर जिला प्रशासन ने नगर पालिका द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले रावण दहन के स्थान को जिला प्रशासन ने परिवर्तन करते हुए दक्षिण दिशा से पश्चिम दिशा की ओर कर दिया है जिसे लोगों ने पौराणिक मान्यताओं के विरुद्ध बताया है।


Body:नगर पालिका प्रशासन की ओर से दशकों से स्टेडियम मैदान पर रावण दहन होता रहा है। परंतु इस वर्ष कुछ बच्चों द्वारा वहां पर खेलने के लिए लगाई गई अमेरिकन घास का हवाला देते हुए जिला प्रशासन को एक आवेदन गया था। जिस पर शांति समिति की बैठक में निर्णय लेते हुए इसे नवग्रह मैदान पर करने का निर्णय लिया है। इस पर पंडितों और लोगों के अनुसार गलत दिशा बताई जा रही है। पंडित गोपाल चंद्र जोशी ने बताया कि लंका दक्षिण दिशा में है राम द्वारा दक्षिण में रामेश्वरम की स्थापना कर रामसेतु बनाया गया था और आप कहीं भी किसी भी गांव या शहर में देखेंगे तो रावण दहन दक्षिण दिशा में कि होता है। हम हम ईश्वर से किसी अनिष्ट घटित ना हो जिसके लिए प्रार्थना करेंगे। बाइट पण्डित गोपालचंद्र जोशी वही स्थानीय रणजीत सिंह डंडीर ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार दक्षिण दिशा में ही रावण का दहन किया जाता है। परंतु छोटी सी घास के कारण जिला प्रशासन द्वारा ऐसा निर्णय लिया गया निर्णय गलत है। बहुत सारे स्थान ऐसे थे जहां रावण दहन किया जा सकता था। बाइट- रणजीत सिंह डंडीर वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष परसराम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार है और उनका नारा है वक्त है बदलाव का। इसी हिसाब से प्रशासन भी चल रहा है। रावण बुराई का प्रतीक मानकर इसे दक्षिण दिशा में जलाया जाता है। छोटी सी घास के कारण रावण का स्थान परिवर्तन करना गलत है। घास के लिए कोई टीन या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था कर रावण दहन वही किया जा सकता था। परंतु प्रशासन का हठधर्मिता पूर्ण लिया गया लेना है। बीते वर्ष भी इसी तरह का आवेदन आया था। तब हमारी सरकार थी हमने इसे नहीं माना।


Conclusion:
Last Updated : Oct 6, 2019, 3:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.