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किसान सम्मेलन: जिले के 66 हजार किसानों को मिले 17 हजार करोड़, सांसद ने पीएम और सीएम का जताया आभार

किसान सम्मेलन में खरगोन के 66 हजार किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपए की राशि दी गई. इस मौके पर सांसद गजेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है.

Amount received by farmers
किसानों को मिली राशि
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Published : Dec 18, 2020, 7:23 PM IST

खरगोन। रायसेन में शुक्रवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया. सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को उचित लाभ मिले जिसके लिए समय-समय पर कार्य किए जा रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में किसानों की आय को दुगना करने के लिए सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को अच्छा से लागू करनी की बात कही है. कार्यक्रम के समापन पर सांसद गजेंद्र पटेल ने 66 हजार किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी. गजेंद्र पटेल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कपास, मिर्च और अन्य फसलों कि ओलावृष्टि के कारण हुई नुकसान का बीमा राशि के रूप में 70 हजार करोड़ रूपए किसानों को दिया जाना है. जिसमें से आज प्रथम किश्त के रूप में 17 हजार करोड रुपए किसानों को दिया गया है. मैं खरगोन बड़वानी जिले के किसानों की ओर से पीएम और सीएम का आभार व्यक्त करता हूं कि इतने वर्षों में पहली बार किसी सरकार ने किसानों के बारे में सोच.

किसानों को मिली राशि

सरकार किसी को नहीं कहती कि इस जगह बेचो

पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को लेकर किसान सम्मेलन में कहा कि कंपनी स्कूटर बनाती है तो उसे किसी दुकान पर बेचने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है. ऐसा ही किसानों के लिए हमने कानून बनाया है. जिससे किसान समय से पूर्व अपनी फसल का सौदा कर सकता है. साथ ही जिन कानूनों के तहत सौदा हुआ है, फसल खराब होने की स्थिति में भी खरीददार फसल खरीदने के लिए बाध्य होगा. खरीददार अनुबंध नहीं तोड़ सकता है, जबकि भाव बढ़ने की स्थिति में किसान को सौदा निरस्त करने का अधिकार दिया गया है. जिससे वह अपनी फसल जहां चाहे अच्छी कीमत में बेच सकता है.


55 साल सरकार ने किसानों को कुछ नहीं दिया
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे ज्यादा 70 सालों में कांग्रेस ने देश पर राज किया है, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं किया. अब जब किसानों के हित के में कानून लाए हैं तो विपक्ष किसानों को एमएसपी के नाम पर गुमराह कर रहा है. पहले भी एमएसपी प्रकार के होता था.

एमएसपी की दर बढ़ाई

विपक्ष द्वारा एमएसपी के नाम पर किसानों को बरगलाने को लेकर कहा कि पहले एमएसपी 14 रुपए हुआ करती थी. हमने बढ़ाकर जी से गेहूं का मूल्य 19 रुपए किया है. पिछली सरकार ने वर्ष 2014 में लगभग एक करोड़ 216 लाख टन खरीदी की थी. वही पिछले वर्ष हमने 12 लाख करोड़ टन खरीदी एमएसपी की दर पर की है.

बीते 70 वर्षों में किसानों के लिए कोई कानून नहीं
सांसद गजेंद्र पटेल ने आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर कहा कि देश के आजादी के 70 साल बाद भी किसानों के लिए किसी तरह का कोई कानून नहीं बनाया गया. जबकि किसान आंदोलन करता रहा, लेकिन 55 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही. कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया.

खरगोन। रायसेन में शुक्रवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया. सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को उचित लाभ मिले जिसके लिए समय-समय पर कार्य किए जा रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में किसानों की आय को दुगना करने के लिए सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को अच्छा से लागू करनी की बात कही है. कार्यक्रम के समापन पर सांसद गजेंद्र पटेल ने 66 हजार किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी. गजेंद्र पटेल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कपास, मिर्च और अन्य फसलों कि ओलावृष्टि के कारण हुई नुकसान का बीमा राशि के रूप में 70 हजार करोड़ रूपए किसानों को दिया जाना है. जिसमें से आज प्रथम किश्त के रूप में 17 हजार करोड रुपए किसानों को दिया गया है. मैं खरगोन बड़वानी जिले के किसानों की ओर से पीएम और सीएम का आभार व्यक्त करता हूं कि इतने वर्षों में पहली बार किसी सरकार ने किसानों के बारे में सोच.

किसानों को मिली राशि

सरकार किसी को नहीं कहती कि इस जगह बेचो

पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को लेकर किसान सम्मेलन में कहा कि कंपनी स्कूटर बनाती है तो उसे किसी दुकान पर बेचने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है. ऐसा ही किसानों के लिए हमने कानून बनाया है. जिससे किसान समय से पूर्व अपनी फसल का सौदा कर सकता है. साथ ही जिन कानूनों के तहत सौदा हुआ है, फसल खराब होने की स्थिति में भी खरीददार फसल खरीदने के लिए बाध्य होगा. खरीददार अनुबंध नहीं तोड़ सकता है, जबकि भाव बढ़ने की स्थिति में किसान को सौदा निरस्त करने का अधिकार दिया गया है. जिससे वह अपनी फसल जहां चाहे अच्छी कीमत में बेच सकता है.


55 साल सरकार ने किसानों को कुछ नहीं दिया
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे ज्यादा 70 सालों में कांग्रेस ने देश पर राज किया है, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं किया. अब जब किसानों के हित के में कानून लाए हैं तो विपक्ष किसानों को एमएसपी के नाम पर गुमराह कर रहा है. पहले भी एमएसपी प्रकार के होता था.

एमएसपी की दर बढ़ाई

विपक्ष द्वारा एमएसपी के नाम पर किसानों को बरगलाने को लेकर कहा कि पहले एमएसपी 14 रुपए हुआ करती थी. हमने बढ़ाकर जी से गेहूं का मूल्य 19 रुपए किया है. पिछली सरकार ने वर्ष 2014 में लगभग एक करोड़ 216 लाख टन खरीदी की थी. वही पिछले वर्ष हमने 12 लाख करोड़ टन खरीदी एमएसपी की दर पर की है.

बीते 70 वर्षों में किसानों के लिए कोई कानून नहीं
सांसद गजेंद्र पटेल ने आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर कहा कि देश के आजादी के 70 साल बाद भी किसानों के लिए किसी तरह का कोई कानून नहीं बनाया गया. जबकि किसान आंदोलन करता रहा, लेकिन 55 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही. कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया.

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