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महाराष्ट्र में बंधक बने थे खरगोन के 34 मजदूर, हुए रिहा

खरगोन जिले के 34 मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया था, जिन्हें अब प्रशासन के हस्ताक्षेप के बाद मुक्त कराया गया.

laborers released
34 मजदूर हुए रिहा
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Published : Jan 19, 2021, 6:57 PM IST

खरगोन। बड़वाह विकासखंड के नागझिरी और बेकार खेड़ी गांव के मजदूर 1 माह के लिए महाराष्ट्र गए हुए थे, लेकिन खेत मालिक द्वारा उन्हें बंधक बना लिया गया. इसकी शिकायत मजदूरों के परिजनों ने शुक्रवार को एसडीएम को की, जिस पर एसडीएम ने तत्काल सभी को सकुशल लाने के निर्देश दिए. निर्देश अनुसार सभी मजदूरों को वापस लाया गया.

बता दें कि, वाहन की व्यवस्था कर शनिवार दोपहर करीब 12 बजे सभी मजदूरों को महाराष्ट्र से रवाना किया गया, जो बीती देर शाम बड़वाह पहुंची. इस दौरान मजदूरों की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर शासकीय अस्पताल में कोविड-19 की जांच कराई गईं, जिसके बाद सभी मजदूरों को उनके घर भेजा गया.

34 मजदूर हुए रिहा


बामनपुरी गांव निवासी रमेश सरदार ने सरपंच नंदलाल गुर्जर के साथ एसडीओपी मानसिंह ठाकुर को एक शिकायती आवेदन दिया था, जिसमें शिकायतकर्ता रमेश ने बताया था कि मेरे बहू और बेटे के साथ-साथ बच्चों और मजदूरों को सुधाकर मराठा अपने साथ महाराष्ट्र ले गया था, लेकिन वहां पहुंचते ही सुधाकर ने मजदूरों को बंधक बना लिया, जिसका वीडियो आने पर इस बात का खुलासा हुआ. शिकायत के बाद एसडीओपी ने सुधाकर से फोन पर बात कर मजदूरों को सुरक्षित उनके निवास स्थान तक भेजने की बात कही. इस बात पर सुधाकर ने एसडीओपी को जल्द ही मजदूरों को घर भेजने का आश्वासन दिया.

सुधाकर से बात करने के बाद रविवार शाम करीब 9 बजे बच्चों सहित करीब 34 मजदूरों को सकुशल बड़वाह पहुंचाया गया. इसके पूर्व एसडीओपी मानसिंह ठाकुर, एसडीएम प्रवीण फुल पगारे, प्रभारी टीआई रामलाल डूडवे बड़वाह शासकीय अपस्ताल पहुंच गए.

खरगोन। बड़वाह विकासखंड के नागझिरी और बेकार खेड़ी गांव के मजदूर 1 माह के लिए महाराष्ट्र गए हुए थे, लेकिन खेत मालिक द्वारा उन्हें बंधक बना लिया गया. इसकी शिकायत मजदूरों के परिजनों ने शुक्रवार को एसडीएम को की, जिस पर एसडीएम ने तत्काल सभी को सकुशल लाने के निर्देश दिए. निर्देश अनुसार सभी मजदूरों को वापस लाया गया.

बता दें कि, वाहन की व्यवस्था कर शनिवार दोपहर करीब 12 बजे सभी मजदूरों को महाराष्ट्र से रवाना किया गया, जो बीती देर शाम बड़वाह पहुंची. इस दौरान मजदूरों की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर शासकीय अस्पताल में कोविड-19 की जांच कराई गईं, जिसके बाद सभी मजदूरों को उनके घर भेजा गया.

34 मजदूर हुए रिहा


बामनपुरी गांव निवासी रमेश सरदार ने सरपंच नंदलाल गुर्जर के साथ एसडीओपी मानसिंह ठाकुर को एक शिकायती आवेदन दिया था, जिसमें शिकायतकर्ता रमेश ने बताया था कि मेरे बहू और बेटे के साथ-साथ बच्चों और मजदूरों को सुधाकर मराठा अपने साथ महाराष्ट्र ले गया था, लेकिन वहां पहुंचते ही सुधाकर ने मजदूरों को बंधक बना लिया, जिसका वीडियो आने पर इस बात का खुलासा हुआ. शिकायत के बाद एसडीओपी ने सुधाकर से फोन पर बात कर मजदूरों को सुरक्षित उनके निवास स्थान तक भेजने की बात कही. इस बात पर सुधाकर ने एसडीओपी को जल्द ही मजदूरों को घर भेजने का आश्वासन दिया.

सुधाकर से बात करने के बाद रविवार शाम करीब 9 बजे बच्चों सहित करीब 34 मजदूरों को सकुशल बड़वाह पहुंचाया गया. इसके पूर्व एसडीओपी मानसिंह ठाकुर, एसडीएम प्रवीण फुल पगारे, प्रभारी टीआई रामलाल डूडवे बड़वाह शासकीय अपस्ताल पहुंच गए.

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