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लॉकडाउन के चलते टमाटर उत्पादक किसानों की बढ़ी मुश्किलें - khandwa news

कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. टमाटर का फसल खेतों में ही खराब हो गई है.

tomato crops are getting spoiled in field due to lock down in khandwa
टमाटर की फसलें हो रही खराब
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Published : Apr 15, 2020, 8:51 AM IST

खंडवा। देश में कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरा चरण 3 मई तक चलेगा. वहीं इस बीच जहां समाज के हर तबके को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं किसान वर्ग भी इससे खासा परेशान हैं. किसानों की उगाई हुई टमाटर उनके खेतों में ही सिमट कर रह गई है और वहीं पर सढ़कर खराब हो गई है जिसके चलते किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

टमाटर की फसलें हो रही खराब

जिले में टमाटर उत्पादक किसानों की फसलें खेत में ही पड़े- पड़े खराब हो रही है. ईटीवी भारत ने जिले के ग्राम भुईफल में किसानों से उनकी टमाटर की उपज के बारे में जानना चाहा, तो किसान संजय पटेल ने बताया कि उन्होंने 1 बीघा में टमाटर की फसल लगाई थी.

150 कैरेट इंदौर मंडी ले जा रहे थे, तभी लॉकडाउन लग गया, जिससे पूरा टमाटर रास्ते में ही फेंकना पड़ा. जिसके बाद खेत से एक भी टमाटर नही बेच पाए हैं. इस एक 1 बीघे टमाटर की फसल को लगाने में लागत 30- 35 हजार रुपए तक आई थी. साथ ही इससे उन्हें डेढ़ लाख के मुनाफे का अनुमान था. लेकिन लॉकडाउन के चलते एक रुपए का भी मुनाफा नहीं हुआ. संजय पटेल ने कहा कि, प्रशासन को इस संकट के समय में किसानों का साथ देते हुए आगामी समय में सब्सिडी देकर राहत देना चाहिए, ताकि अगला सीजन बेहतर हो सके.

वहीं जिले में अभी तक कोरना संक्रमण के 15 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते कर्फ्यू लगा हुआ है और 3 हॉटस्पॉट चिन्हिंत किए गए हैं. जिसके चलते फिलहाल कर्फ्यू हटने की स्थिति नहीं है और इसके चलते सब्जी उत्पादक किसान अपनी फसल को मंडी तक नहीं ला पाएंगे.

खंडवा। देश में कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरा चरण 3 मई तक चलेगा. वहीं इस बीच जहां समाज के हर तबके को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं किसान वर्ग भी इससे खासा परेशान हैं. किसानों की उगाई हुई टमाटर उनके खेतों में ही सिमट कर रह गई है और वहीं पर सढ़कर खराब हो गई है जिसके चलते किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

टमाटर की फसलें हो रही खराब

जिले में टमाटर उत्पादक किसानों की फसलें खेत में ही पड़े- पड़े खराब हो रही है. ईटीवी भारत ने जिले के ग्राम भुईफल में किसानों से उनकी टमाटर की उपज के बारे में जानना चाहा, तो किसान संजय पटेल ने बताया कि उन्होंने 1 बीघा में टमाटर की फसल लगाई थी.

150 कैरेट इंदौर मंडी ले जा रहे थे, तभी लॉकडाउन लग गया, जिससे पूरा टमाटर रास्ते में ही फेंकना पड़ा. जिसके बाद खेत से एक भी टमाटर नही बेच पाए हैं. इस एक 1 बीघे टमाटर की फसल को लगाने में लागत 30- 35 हजार रुपए तक आई थी. साथ ही इससे उन्हें डेढ़ लाख के मुनाफे का अनुमान था. लेकिन लॉकडाउन के चलते एक रुपए का भी मुनाफा नहीं हुआ. संजय पटेल ने कहा कि, प्रशासन को इस संकट के समय में किसानों का साथ देते हुए आगामी समय में सब्सिडी देकर राहत देना चाहिए, ताकि अगला सीजन बेहतर हो सके.

वहीं जिले में अभी तक कोरना संक्रमण के 15 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते कर्फ्यू लगा हुआ है और 3 हॉटस्पॉट चिन्हिंत किए गए हैं. जिसके चलते फिलहाल कर्फ्यू हटने की स्थिति नहीं है और इसके चलते सब्जी उत्पादक किसान अपनी फसल को मंडी तक नहीं ला पाएंगे.

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