ETV Bharat / state

टेनिस कोच शेख रसीद ने 74 साल की उम्र में जीती कैंसर से जंग

13 खेलों में महारथ रखने वाले खंडवा के टेनिस कोच शेख रसीद ने 74 साल की उम्र में कैंसर से जंग जीती. जिसके बाद उनका इलाज करने वाले डॉक्टर अब युवाओं को इस बुजुर्ग खिलाड़ी का उदाहरण देते हैं. विश्व कैंसर डे पर जानिए शेख रसीद के बारे में.

World Cancer Day
विश्व कैंसर डे
author img

By

Published : Feb 4, 2020, 9:42 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 10:43 PM IST

खंडवा। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर ही लोग जीने की हिम्मत छोड़ देते हैं. लेकिन 74 साल की उम्र में खंडवा के टेनिस कोच शेख रशीद का सामना इस जानलेवा बीमारी से हुआ. 13 खेलों में महारथ रखने वाले खंडवा के इस खेल गुरु ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जंग जीत ली. एक साल तक चले इस मैराथन मुकाबले में शेख रशीद ने बीमारी को हर मोर्चे पर मात दी.

टेनिस कोच शेख रसीद ने जीती कैंसर से जंग


दुनिया भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जा रहा है. इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम 'आई एम एंड आई विल' को शेख रशीद ने सार्थक किया है. शेख रशीद को अक्टूबर 2018 में यूरिन ब्लैडर में कैंसर की पुष्टि हुई, जिसके बाद उन्होंने बिना समय गंवाए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज करवाया.

Passion for cancer is still passion for tennis
कैंसर को मात देकर आज भी है टेनिस के लिए जुनून


यहां एक साल तक चले इलाज के बाद सितंबर 2019 में उन्हें कैंसर से मुक्ति मिली. इस दौरान उन्होंने 6 कीमो और 32 रेडिएशन झेले. इस कठिन इलाज में शेख रशीद की इच्छाशक्ति के चलते न ही उनके बाल झड़े और न ही किसी अन्य प्रकार के दुष्प्रभाव शरीर पर आए. उनका इलाज करने वाले डॉक्टर भी उनकी इच्छशक्ति के कायल हो गए और अन्य मरीजों को भी उनका उदाहरण देकर सीख देते हैं. शेख रसीद के परिवारजनों ने भी बीमारी के इलाज के दौरान उनका खूब सहयोग किया उनके बेटे और दामाद ने उन्हें इस खतरनाक बीमारी से हारने नहीं दिया.

Coach Sheikh Receipt giving training to children
बच्चों को ट्रेनिंग देते कोच शेख रसीद


शेख रशीद अपने स्कूल जीवन से ही खेलों को समर्पित रहे. उन्होंने राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिताओं में 1994 से 2006 तक टेनिस टेबल टेनिस और बृज में लगातार राष्ट्रीय चैंपियन रहे 2003 में देहरादून में टेनिस में 2, टेबल टेनिस में 2 और ब्रिज प्रतियोगिता में एक गोल्ड मेडल के साथ 5 गोल्ड मेडल प्राप्त कर वन खेलकूद प्रतियोगिता में राष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे. 2006 में वन विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद से आज तक वह शहर की नन्हीं टेनिस प्रतिभाओं को निखार रहे हैं.

खंडवा। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर ही लोग जीने की हिम्मत छोड़ देते हैं. लेकिन 74 साल की उम्र में खंडवा के टेनिस कोच शेख रशीद का सामना इस जानलेवा बीमारी से हुआ. 13 खेलों में महारथ रखने वाले खंडवा के इस खेल गुरु ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जंग जीत ली. एक साल तक चले इस मैराथन मुकाबले में शेख रशीद ने बीमारी को हर मोर्चे पर मात दी.

टेनिस कोच शेख रसीद ने जीती कैंसर से जंग


दुनिया भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जा रहा है. इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम 'आई एम एंड आई विल' को शेख रशीद ने सार्थक किया है. शेख रशीद को अक्टूबर 2018 में यूरिन ब्लैडर में कैंसर की पुष्टि हुई, जिसके बाद उन्होंने बिना समय गंवाए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज करवाया.

Passion for cancer is still passion for tennis
कैंसर को मात देकर आज भी है टेनिस के लिए जुनून


यहां एक साल तक चले इलाज के बाद सितंबर 2019 में उन्हें कैंसर से मुक्ति मिली. इस दौरान उन्होंने 6 कीमो और 32 रेडिएशन झेले. इस कठिन इलाज में शेख रशीद की इच्छाशक्ति के चलते न ही उनके बाल झड़े और न ही किसी अन्य प्रकार के दुष्प्रभाव शरीर पर आए. उनका इलाज करने वाले डॉक्टर भी उनकी इच्छशक्ति के कायल हो गए और अन्य मरीजों को भी उनका उदाहरण देकर सीख देते हैं. शेख रसीद के परिवारजनों ने भी बीमारी के इलाज के दौरान उनका खूब सहयोग किया उनके बेटे और दामाद ने उन्हें इस खतरनाक बीमारी से हारने नहीं दिया.

Coach Sheikh Receipt giving training to children
बच्चों को ट्रेनिंग देते कोच शेख रसीद


शेख रशीद अपने स्कूल जीवन से ही खेलों को समर्पित रहे. उन्होंने राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिताओं में 1994 से 2006 तक टेनिस टेबल टेनिस और बृज में लगातार राष्ट्रीय चैंपियन रहे 2003 में देहरादून में टेनिस में 2, टेबल टेनिस में 2 और ब्रिज प्रतियोगिता में एक गोल्ड मेडल के साथ 5 गोल्ड मेडल प्राप्त कर वन खेलकूद प्रतियोगिता में राष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे. 2006 में वन विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद से आज तक वह शहर की नन्हीं टेनिस प्रतिभाओं को निखार रहे हैं.

Intro:खंडवा। कैंसर एक ऐसी बीमारी का नाम सुनकर ही लोग जीने की हिम्मत छोड़ देते हैं लेकिन 74 साल की उम्र में खंडवा के शेख रशीद का सामना इस जानलेवा बीमारी से हुआ. 13 खेलों में महारथ रखने वाले खंडवा के इस खेल गुरु ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति के बल पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जंग जीत ली 1 साल तक चले इस मैराथन मुकाबले में शेख रशीद ने बीमारी को हर मोर्चे पर मात दी.


Body:दुनिया भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जा रहा है इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम 'आई एम एंड आई विल' को शेख रशीद ने सार्थक किया है. शेख रशीद को अक्टूबर 2018 में यूरिन ब्लैडर में कैंसर की पुष्टि हुई जिसके बाद उन्होंने बिना समय गवाएं मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज शुरू का है यहां 1 साल तक चले पीड़ादायी इलाज के बाद सितंबर 2019 में उन्हें कैंसर से मुक्ति मिली. इस दौरान उन्होंने 6 कीमो और 32 रेडिएशन झेले. इस कठिन इलाज में शेख रशीद की इच्छाशक्ति के चलते न ही उनके बाल झड़े और न ही किसी अन्य प्रकार के दुष्प्रभाव शरीर पर आए. उनका इलाज करने वाले डॉक्टर भी उनकी इच्छशक्ति के कायल हो गए और अन्य मरीजों को भी उनका उदाहरण देकर सीख देते रहे.

byte - शेख रसीद, वरिष्ठ टेनिस कोच

शेख रसीद के परिवारजनों ने भी बीमारी के इलाज के दौरान उनका खूब सहयोग किया उनके बेटे और दामाद ने उन्हें इस खतरनाक बीमारी से हारने नही दिया.

byte - अमीन अहमद, बेटे


Conclusion:13 साल तक रहे चैम्पियन
शेख रशीद अपने स्कूल जीवन से ही खेलों को समर्पित रहे वह आज भी सुबह स्वयं टेनिस खेलते हैं और शाम को शहर की नन्ही टेनिस प्रतिभाओं को निकाल रहे हैं उन्होंने राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिताओं में 1994 से 2006 तक टेनिस टेबल टेनिस और बृज में लगातार राष्ट्रीय चैंपियन रहे 2003 में देहरादून में टेनिस में 2, टेबल टेनिस में 2 और ब्रिज प्रतियोगिता में एक गोल्ड मेडल के साथ 5 गोल्ड मेडल प्राप्त कर वन खेलकूद प्रतियोगिता में राष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे. 2006 में वन विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद से आज तक राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रशिक्षक एवं मार्गदर्शक के रूप में भागीदारी कर रहे हैं
Last Updated : Feb 4, 2020, 10:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.