खंडवा। देश में इन दिनों कोरोना संक्रमण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, हर दिन हजारों की संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. लॉकडाउन के उल्लंघन के भी कई मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में खंडवा में एक ऐसा दंपति है गोविंद शर्मा और उनकी पत्नी जिसने सरकार की गाइडलाइन को मानते हुए जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक घर से बाहर कदम नहीं रखा. यह दंपति अपने घर में किसी को नहीं आने देता है और पिछले चार माह से अपने सारे काम खुद कर रहा है और जरूरी सामानों की आपूर्ति होम डिलेवरी के जरिए पूरा कर रहा है.
कैसे किया लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन
गोविंद शर्मा बैंक ऑफ महाराष्ट्र में अपनी नौकरी पूरी करके फिलहाल सेवानिवृत्ति का लाभ उठा रहे हैं और अपनी पत्नी के साथ खंड़वा में बने अपने घर में रहते हैं. गोविंद शर्मा ने कोरोना से बचने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन किया है. शायद एक ऐसा अकेला परिवार है जो पिछले 4 महीने से अधिक समय से अपने घर से बाहर नहीं निकला है. वे रोजमर्रा की सभी आवश्यकताओं की चीजों की पूर्ति होम डिलीवरी या आसपास के लोगों के सहयोग से प्राप्त कर लेते हैं. जरुरत का हर काम ऑनलाइन किया ताकि लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन हो. चाहे वो बिजली का बिल भरना हो या बैंक का काम. किसी को रुपए भेजने हों या फिर डीटीएच रिचार्ज.
खुद को कैसे रखा फिट
गोविंद शर्मा अपने आप को घर के कामों में ही व्यस्त रखते हैं, सुबह शाम वह अपने घर के बरामदे और छत पर टहलते हैं. वहीं घर के काम में पत्नी की मदद कर देते हैं. इसके अलावा उनकी साहित्य में भी रुचि है, जिसमें वो व्यस्त रहते हैं, वे कुछ किताबें भी लिख चुके हैं. घर में कैद रहने की वजह से गोविंद शर्मा परिजनों दोस्तों और रिश्तेदारों से मुलाकात नहीं हो पाती इसलिए परिजनों और मित्रों से ऑनलाइन रूबरू होते हैं.
लॉकडाउन के दौरान किया नवाचार
लॉकडाउन के दौरान गोविंद शर्मा और उनकी पत्नी ने मिलकर कई तरह के नवाचार किए, जिसमें उनकी धर्मपत्नी को गार्डन के शौक को बढ़ावा मिलना भी शामिल है. लॉकडाउन के दौरान उन्होंने घर के बरामदे में कई तरह के फल, फूल उगा रही हैं. इसके अलावा उन्होंने कई सब्जी और मसाले जैसे नींबू, हल्दी, अदरक घर में ही उगा लिए हैं. गोविंद शर्मा सभी से अपील कर रहे हैं कि वेबजह घर से बाहर नहीं निकले, कुछ हफ़्तों के लिए संयम रखें. कुछ समय में सब ठीक हो जाएगा. लेखन को भी इस दौरान दंपत्ती ने नया आयाम देने की कोशिश की.