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'जल संवर्धन' के लिए ग्रामीणों ने किया सामूहिक श्रमदान, जल स्त्रोतों की सफाई का उठाया बीड़ा

खंडवा के रहवासी पीएम मोदी के जल संवर्धन करने के आव्हान में साथ आ गये है. रहवासियों ने सामूहिक श्रमदान से प्राचीन सूरज कुंड की सफाई की है.

ग्रामीणों ने किया सामूहिक श्रमदान
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Published : Jun 28, 2019, 12:59 PM IST

खंडवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में जल संवर्धन करने के लिए जनप्रतिनिधियों और आम जनता से आव्हान किया हैं. वहीं खंडवा में भी सामूहिक श्रमदान से लोगों ने पुराने जल स्त्रोतों की साफ सफाई का बीड़ा उठाया है. यहां के गौतम नगर क्षेत्र के लोग पिछले 5 दिन से प्राचीन सूरज कुंड की सफाई कर रहे हैं.

ग्रामीणों ने किया सामूहिक श्रमदान

इन लोगों का मानना है कि भीषण जल संकट के दौर में भी इस कुंड ने लोगों की प्यास बुझाई हैं. इसलिए इनका भी दायित्व है कि इसे साफ सुथरा रखकर रिचार्ज करें, ताकि यह इसी तरह हमारी जरूरत को पूरा करता रहे. खास बात यह है कि हर साल यहां के लोग सामूहिक श्रमदान से इस कुंड की सफाई करते हैं.

छुट्टी मनाने आये सीआरपीएफ जवान ने भी की सफाई
ऐसे में पुलवामा में देश की सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ का जवान छुट्टियों में अपने घर लौटा तो वह भी यहां सफाई कार्य में जुट गया. जवान का कहना है कि सेना इस तरह के कार्य करते रहती है. हमारे देश के प्रधानमंत्री भी जल संवर्धन को बढ़ावा दे रहे हैं इसलिए वो भी यहां इस कुंड की सफाई कार्य में जुट गया है.

ये है मान्यता
दरअसल, खंडवा के प्राचीन सूरज कुंड से जुड़ी ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने 14 साल के वनवास का कुछ समय खांडव वन में भी बिताया था. मान्यता के मुताबकि जब सीता माता को प्यास लगी तो भगवान राम ने बाण मारकर जमीन से पानी निकाला था. उसी समय भगवान श्री राम ने खंडवा की चारों दिशाओं में चार कुंडों का भी निर्माण करवाया था. उनमें से एक पुरातन काल का सूरजकुंड आज भी अस्तित्व में है क्योंकि यहां के स्थानीय लोग समय-समय पर इसकी सफाई करते हैं.

खंडवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में जल संवर्धन करने के लिए जनप्रतिनिधियों और आम जनता से आव्हान किया हैं. वहीं खंडवा में भी सामूहिक श्रमदान से लोगों ने पुराने जल स्त्रोतों की साफ सफाई का बीड़ा उठाया है. यहां के गौतम नगर क्षेत्र के लोग पिछले 5 दिन से प्राचीन सूरज कुंड की सफाई कर रहे हैं.

ग्रामीणों ने किया सामूहिक श्रमदान

इन लोगों का मानना है कि भीषण जल संकट के दौर में भी इस कुंड ने लोगों की प्यास बुझाई हैं. इसलिए इनका भी दायित्व है कि इसे साफ सुथरा रखकर रिचार्ज करें, ताकि यह इसी तरह हमारी जरूरत को पूरा करता रहे. खास बात यह है कि हर साल यहां के लोग सामूहिक श्रमदान से इस कुंड की सफाई करते हैं.

छुट्टी मनाने आये सीआरपीएफ जवान ने भी की सफाई
ऐसे में पुलवामा में देश की सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ का जवान छुट्टियों में अपने घर लौटा तो वह भी यहां सफाई कार्य में जुट गया. जवान का कहना है कि सेना इस तरह के कार्य करते रहती है. हमारे देश के प्रधानमंत्री भी जल संवर्धन को बढ़ावा दे रहे हैं इसलिए वो भी यहां इस कुंड की सफाई कार्य में जुट गया है.

ये है मान्यता
दरअसल, खंडवा के प्राचीन सूरज कुंड से जुड़ी ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने 14 साल के वनवास का कुछ समय खांडव वन में भी बिताया था. मान्यता के मुताबकि जब सीता माता को प्यास लगी तो भगवान राम ने बाण मारकर जमीन से पानी निकाला था. उसी समय भगवान श्री राम ने खंडवा की चारों दिशाओं में चार कुंडों का भी निर्माण करवाया था. उनमें से एक पुरातन काल का सूरजकुंड आज भी अस्तित्व में है क्योंकि यहां के स्थानीय लोग समय-समय पर इसकी सफाई करते हैं.

Intro:खंडवा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में जल संवर्धन करने के लिए जनप्रतिनिधियों और आम जनता से आव्हान किया हैं. वहीं खंडवा में भी सामूहिक श्रमदान से लोगों ने पुराने जल स्त्रोतों की साफ सफाई का बीड़ा उठाया है. यहां के गौतम नगर क्षेत्र के लोग पिछले 5 दिन से प्राचीन सूरज कुंड की सफाई कर रहे हैं. इन लोगों का मानना है कि भीषण जल संकट के दौर में भी इस कुंड ने लोगों की प्यास बुझाई हैं. इसलिए उनका भी दायित्व है कि इसे साफ सुथरा रखकर रिचार्ज करें, ताकि यह इसी तरह हमारी जरूरत को पूरा करता रहे खास बात यह है कि हर साल यहां के लोग सामूहिक श्रमदान से इस कुंड की सफाई करते हैं.


Body:दरअसल खंडवा के प्राचीन सूरज कुंड से जुड़ी ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष के वनवास का कुछ समय खांडव वन में भी व्यतीत किया था तब इस स्थान को खांडव वन कहा जाता था मान्यता के अनुसार जब सीता माता को प्यास लगी तो भगवान राम ने बाण मारकर जमीन से पानी निकाला था. उसी समय भगवान श्री राम ने खंडवा की चारों दिशाओं में चार कुंडों का भी निर्माण करवाया था. उनमें से एक पुरातन काल का सूरजकुंड आज भी अस्तित्व में है. क्योंकि यहां के स्थानीय लोग समय समय पर इसकी सफाई करते हैं. शहर के विस्तार के साथ साथ यह कुंड शहर की बसाहट का हिस्सा बन चुका है. मुसीबतों के समय में यही कुंड लोगों की प्यास बुझाता है.


Conclusion:भीषण गर्मी और बार-बार जल वितरण की पाइप लाइन के फूटने से शहर में जल संकट के हालात बने हुए हैं. लेकिन इस कॉलोनी के लोग इस कुंड के पानी से अपनी जल की पूर्ति कर रहे हैं. वहीं कुंड की सफाई का कार्य हर साल बारिश के पहले होता है. ऐसे में पुलवामा में देश की सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ का जवान छुट्टियों में अपने घर लौटा तो वह भी यहां सफाई कार्य में जुट गया जवान का कहना है कि सेना इस तरह के कार्य करते रहती है. हमारे देश के प्रधानमंत्री भी जल संवर्धन को बढ़ावा दे रहे हैं इसलिए मैं भी यहां इस कुंड की सफाई कार्य में जुट गया हूँ यह भी एक तरह की देश सेवा ही है. जल संवर्धन के इनके प्रयास को यदि प्रत्येक नागरिक अपना ले तो हमें जल संकट से जूझने में अवश्य मदद मिल सकती हैं.

byte - राजेश पटेल ,
byte - बसंत फरकले, सीआरपीएफ जवान
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