खंडवा। सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, भारत देश की सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता 'आचार्य शंकर' के जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश शासन द्वारा ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस भव्य और दिव्य 'एकात्म धाम' के अंतर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची 'एकात्मता की प्रतिमा', 'अद्वैत लोक' नाम का एक संग्रहालय तथा आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना की जा रही है. इस प्रकल्प के प्रथम ऐतिहासिक चरण के रूप में 18 सितंबर को एकात्मता की प्रतिमा का अनावरण होने वाला है. यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है, जिसमें आदि शंकराचार्य जी बाल स्वरूप में हैं.
-
आदि शंकराचार्य जी की ज्ञानभूमि ओम्कारेश्वर से एक अभिनव युग का सूत्रपात हो रहा है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इस नयनाभिराम दृश्य को देख हृदय प्रफुल्लित तथा आनंदित है।@EkatmaDham प्रकल्प पूरे राष्ट्र को चैतन्य की सार्वभौमिक एकात्मता से आलोकित करेगा। pic.twitter.com/GG5Asx5Vyx
">आदि शंकराचार्य जी की ज्ञानभूमि ओम्कारेश्वर से एक अभिनव युग का सूत्रपात हो रहा है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 13, 2023
इस नयनाभिराम दृश्य को देख हृदय प्रफुल्लित तथा आनंदित है।@EkatmaDham प्रकल्प पूरे राष्ट्र को चैतन्य की सार्वभौमिक एकात्मता से आलोकित करेगा। pic.twitter.com/GG5Asx5Vyxआदि शंकराचार्य जी की ज्ञानभूमि ओम्कारेश्वर से एक अभिनव युग का सूत्रपात हो रहा है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 13, 2023
इस नयनाभिराम दृश्य को देख हृदय प्रफुल्लित तथा आनंदित है।@EkatmaDham प्रकल्प पूरे राष्ट्र को चैतन्य की सार्वभौमिक एकात्मता से आलोकित करेगा। pic.twitter.com/GG5Asx5Vyx
ओंकारेश्वर आचार्य शंकर की ज्ञान और गुरु भूमि: ओंकारेश्वर आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि और गुरु भूमि है, यहीं उनको अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया. 12 वर्ष की आयु में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया.
2018 में बनाया था बाल रूप का चित्र: ओंकारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है, यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरा द्वारा उकेरी गई है. मूर्ति के लिए बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार श्री वासुदेव कामत द्वारा वर्ष 2018 में बनाया गया था. मूर्ति निर्माण हेतु वर्ष 2017-18 में संपूर्ण मध्यप्रदेश में एकात्म यात्रा निकाली गई थी, जिसके माध्यम से 27 हजार ग्राम पंचायतों से मूर्ति निर्माण हेतु धातु संग्रहण तथा जनजागरण का अभियान चलाया गया था.
ये भी पढ़ें:- |
अद्वैत लोक में ये भी होंगे शामिल: शंकर संग्रहालय के अंतर्गत आचार्य शंकर के जीवन दर्शन व सनातन धर्म पर विभिन्न वीथिकाएं, दीर्घाएं, लेजर लाइट वॉटर साउंड शो, आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म, सृष्टि नाम का अद्वैत व्याख्या केंद्र, एक अद्वैत नर्मदा विहार, अन्नक्षेत्र, शंकर कलाग्राम आदि प्रमुख आकर्षण रहेंगे. आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान के अंतर्गत दर्शन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा कला पर केंद्रित चार शोध केंद्रों के अलावा ग्रंथालय, विस्तार केंद्र तथा एक पारंपरिक गुरुकुल भी होगा. संपूर्ण निर्माण पारंपरिक भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली में किया जा रहा है, यह प्रकल्प पर्यावरण अनुकूल होगा. अद्वैत लोक के साथ ही 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन नाम का एक सघन वन विकसित किया जा रहा है.