खंडवा। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान रविवार को तब बखेड़ा हो गया, जब एमपीपीएससी के प्रश्न पत्र के सी-सेट में भील जनजाति को लेकर आपत्तिजनक गद्यांश पूछा गया था. पंधाना विधायक राम डांगोरे ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कमलनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, विधायक ने कहा कि इसकी शिकायत मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से करेंगे. पीएससी के एक प्रश्न में भील जनजाति को आय से अधिक खर्च करने वाला और शराब में डूबी हुई जनजाति बताया गया है. इस पैसेज में लिखा गया है कि भील जनजाति के लोगों की अपराधिक प्रवृत्ति का मुख्य कारण देनदारियां पूरी करना नहीं है, जिसके लिए वे गैर वैधानिक और अनैतिक कामों से पैसे कमाते हैं. प्रश्न नंबर 99 में पूछा गया है कि
भीलों की अपराधिक प्रवृत्ति का मुख्य कारण क्या है-
A. देनदारियां पूरी न कर पाना B. ईमानदारी से काम करना
C. अनैतिक कार्य करना D. गांव से पलायन करना.
इसी तरह सवाल नंबर 100 में पूछा गया है कि
धन उपार्जन के लिए भील कैसे कामों में संलिप्त हो जाते हैं-
A. सामाजिक काम B. धार्मिक काम
C. गैर वैधानिक तथा अनैतिक काम D.कठिन से कठिन काम
दिए गए ऑप्सन में 'गैर वैधानिक और अनैतिक काम करना' को लेकर भील समाज में नाराजगी है. पंधाना विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विधायक राम दंगोरे ने भी एमपीपीएससी का पेपर दिया है, जब उन्होंने इन प्रश्नों को देखा तो वह भी हैरान रह गए. इससे पंधाना के भाजपा विधायक राम दांगोरे बिफर पड़े. उन्होंने इस प्रश्न पर कड़ी आपत्ति जताते हुए काला कपड़ा लहराकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया.
परीक्षा खत्म होने के बाद उन्होंने भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस किसी ने भी यह पर्चा बनाया है, उसे तत्काल बर्खास्त किया जाए. साथ ही उसके खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए. इतना ही नहीं भील समाज के लोगों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि इसे लेकर मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से इसकी शिकायत करेंगे.