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कुपोषित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान की पहल, माताओं को सिखाए जा रहे नए गुर - कुपोषण

खंडवा के बाल शक्ति केंद्र पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों की माताओं को सामान्य जीवन में की चीजों से बच्चों के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं. जो कि एक सराहनीय पहल है.

Initiative to put a smile on the face of malnourished children
कुपोषित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान की पहल
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Published : Feb 8, 2020, 9:58 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 11:53 PM IST

खंडवा। कुपोषण को लेकर खंडवा जिला अक्सर चर्चाओं में रहता है. वहीं इस बीच कुपोषित बच्चों के लिए एक नई पहल की गई. बाल शक्ति केंद्र पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं को ऐसी विधियों से खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं, जिसमें बगैर किसी खर्च के खिलौने बना सकते हैं. इस पहल से बच्चों के मानसिक विकास पर खासा असर पड़ेगा.

कुपोषित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान की पहल

वेस्ट मटेरियल से बनाए जा रहे खिलौने

बाल शक्ति केंद्र पोषण पुनर्वास केंद्र के स्टाफ नर्सेज द्वारा इन कुपोषित बच्चों की माताओं को सामान्य जीवन में की चीजों से बच्चों के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं. इन्हें सीखकर माताएं अपने बच्चों के लिए बिना किसी खर्च के उसी तरह का अनुभव दे सकते हैं,जो एक उच्च वर्ग के परिवार में बच्चों को दिया जाता है. खासकर गरीब आदिवासी परिवार के लिए ये पहल अंधेरे में उजियारे की रोशनी जैसा है.स्टाफ की नर्सेज द्वारा इन माताओं को कागज और वेस्ट मटेरियल से बच्चों के मास्क और तरह-तरह के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं. इससे इन बच्चों का मानसिक विकास और रचनात्मक विकास भी होगा.

माताओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

भले ही खंडवा में कुपोषण से लड़ने के लिए महिला और बाल विकास विभाग काम कर रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पोषण पुनर्वास केंद्र की यह पहल अपने आप में काबिले तारीफ है. जिस तरह से यहां कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का प्रतिदिन ख्याल रखा जाता है, उसके अलावा इन माताओं को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल सराहनीय हैं.

खंडवा। कुपोषण को लेकर खंडवा जिला अक्सर चर्चाओं में रहता है. वहीं इस बीच कुपोषित बच्चों के लिए एक नई पहल की गई. बाल शक्ति केंद्र पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं को ऐसी विधियों से खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं, जिसमें बगैर किसी खर्च के खिलौने बना सकते हैं. इस पहल से बच्चों के मानसिक विकास पर खासा असर पड़ेगा.

कुपोषित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान की पहल

वेस्ट मटेरियल से बनाए जा रहे खिलौने

बाल शक्ति केंद्र पोषण पुनर्वास केंद्र के स्टाफ नर्सेज द्वारा इन कुपोषित बच्चों की माताओं को सामान्य जीवन में की चीजों से बच्चों के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं. इन्हें सीखकर माताएं अपने बच्चों के लिए बिना किसी खर्च के उसी तरह का अनुभव दे सकते हैं,जो एक उच्च वर्ग के परिवार में बच्चों को दिया जाता है. खासकर गरीब आदिवासी परिवार के लिए ये पहल अंधेरे में उजियारे की रोशनी जैसा है.स्टाफ की नर्सेज द्वारा इन माताओं को कागज और वेस्ट मटेरियल से बच्चों के मास्क और तरह-तरह के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं. इससे इन बच्चों का मानसिक विकास और रचनात्मक विकास भी होगा.

माताओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

भले ही खंडवा में कुपोषण से लड़ने के लिए महिला और बाल विकास विभाग काम कर रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पोषण पुनर्वास केंद्र की यह पहल अपने आप में काबिले तारीफ है. जिस तरह से यहां कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का प्रतिदिन ख्याल रखा जाता है, उसके अलावा इन माताओं को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल सराहनीय हैं.

Intro:खंडवा । खंडवा जिला कुपोषण को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहता है वहीं इस बीच कुपोषित बच्चों के लिए एक नई पहल की गई. बाल शक्ति केंद्र पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं को ऐसी विधियों से खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं.जिसमें बगैर किसी खर्च के खिलौने बना सकते हैं इस पहल से कुपोषित बच्चों के जीवन एक नया उजियारा आ सकता हैं. इस पहल बच्चों के मानसिक विकास पर खासा असर पड़ेगा. वे अपने आप मनोरंजन कर सकेंगे.


Body:अपने कुपोषण की जंग से लड़ रहे बच्चों के सभी प्रकार के विकास को लेकर माताओं को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल सराहनीय है. बाल शक्ति केंद्र पोषण पुनर्वास केंद्र के स्टाफ नर्सेज द्वारा इन कुपोषित बच्चों की माताओं को सामान्य जीवन में की चीजों से बच्चों के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं इन्हें सीखकर माताएं अपने बच्चों के लिए बिना किसी खर्च के उसी तरह का अनुभव दे सकते हैं जो एक उच्च वर्ग के परिवार में बच्चों को दिया जाता है. खासकर गरीब आदिवासी परिवार के लिए यह पहल अंधेरे में उजियारे की रोशनी जैसा है स्टाफ की नर्सेज द्वारा इन माताओं को कागज और वेस्ट मटेरियल से बच्चों के मास्क और तरह-तरह के खिलौने बनाने सिखाए जा रहे हैं. इससे इन बच्चों का मानसिक विकास और रचनात्मक विकास भी होगा.

byte - सपना, माँ
byte - शबनम खान, पोषण प्रशिक्षक बाल शक्ति केंद्र


Conclusion:भले ही खंडवा में कुपोषण से लड़ने के लिए महिला और बाल विकास विभाग कार्य कर रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पोषण पुनर्वास केंद्र की यह पहल अपने आप में काबिले तारीफ है जिस तरह से यहां कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का प्रतिदिन ख्याल रखा जाता है उसके इतर इन माताओं को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल सराहनीय हैं.
Last Updated : Feb 8, 2020, 11:53 PM IST
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