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खंडवा: मनरेगा के तहत मजदूरों से कराया एक हफ्ते काम, न पैसा दिया उल्टा काम बंद करा दिया

सरकारे भले ही मनरेगा के तहत कई तरह के काम शुरू करने के निर्देश दिए हो, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही से मजदूरों को राहत नहीं मिल पा रही है. ऐसा ही कुछ हुए खंडवा के सुरगांव जोशी गांव में, पढ़िए पूरी खबर...

250 Labor protested sitting in pond In Khandwa
मजदूरों ने किया विरोध
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Published : Jun 2, 2020, 9:03 PM IST

खंडवा। कोरोना संकट काल में मदजूर वर्ग के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और काम देने के लिए सरकारे ने भले ही मनरेगा के तहत कई तरह के काम शुरू करने के निर्देश दिए हो, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही से मजदूरों को राहत नहीं मिल पा रही है. ऐसा ही कुछ खंडवा के सुरगांव जोशी गांव हुआ, जहां तालाब गहरीकरण के लिए मजदूरों को 1 हफ्ते का काम मिलने के बाद काम को बंद कर दिया गया है, जिसके बाद मजदूर इसके विरोध में तालाब में बैठकर प्रदर्शन करने लगे.

MNREGA work stopped in a week
मनरेगा में नहीं मिली मजदूरी

मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते घरों में खाने के लिए कुछ भी नहीं है, इससे जो मजदूरी आती है, उससे मुश्किल से परिवार चला रहे हैं. ऐसे में जब मजदूरी ही नहीं मिलेगी तो परिवार का भरण पोषण कैसे होगा. वहीं इस मामले में ग्राम के सचिव भागीरथ चौहान और परियोजना अधिकारी नितिन महाजन का कहना है कि मनरेगा के पोर्टल पर सर्वर की समस्या आ रही है. इस वजह से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. कार्य रोका नहीं गया. पोर्टल चालू होगा वैसे ही कार्य शुरू किया जाएगा.

250 Labor protested sitting in pond In Khandwa
एक हप्ते में बंद किया काम

लोगों का आरोप है कि इस पूरे मामले में सचिव और अधिकारी मिलीभगत करने में लगे हुए हैं. गांव का एक पंच अधिकारियों से सांठगांठ करके उनके हितों को कुचल रहा है. लोगों का कहना है कि मजदूर सरकार के द्वारा जारी इस मनरेगा में काम कर रोटी कमा रहे हैं, लेकिन इस तरह की मिलीभगत से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सुरगांव जोशी गांव में तालाब गहरीकरण का कार्य चल रहा है. जिसमें लगभग 250 मजदूरों कार्य कर रहे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक लगभग 1 सप्ताह कार्य करने के बाद इन मजदूरों से ग्राम के सचिव और परियोजना अधिकारी ने काम से रोक दिया गया. इन्हें यह कहकर काम रुकवा दिया कि पैसे नहीं हैं. ना तो एक हफ्ता के पैसे दिए और ना ही आगे का काम करवाया जा रहा है.

खंडवा। कोरोना संकट काल में मदजूर वर्ग के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और काम देने के लिए सरकारे ने भले ही मनरेगा के तहत कई तरह के काम शुरू करने के निर्देश दिए हो, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही से मजदूरों को राहत नहीं मिल पा रही है. ऐसा ही कुछ खंडवा के सुरगांव जोशी गांव हुआ, जहां तालाब गहरीकरण के लिए मजदूरों को 1 हफ्ते का काम मिलने के बाद काम को बंद कर दिया गया है, जिसके बाद मजदूर इसके विरोध में तालाब में बैठकर प्रदर्शन करने लगे.

MNREGA work stopped in a week
मनरेगा में नहीं मिली मजदूरी

मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते घरों में खाने के लिए कुछ भी नहीं है, इससे जो मजदूरी आती है, उससे मुश्किल से परिवार चला रहे हैं. ऐसे में जब मजदूरी ही नहीं मिलेगी तो परिवार का भरण पोषण कैसे होगा. वहीं इस मामले में ग्राम के सचिव भागीरथ चौहान और परियोजना अधिकारी नितिन महाजन का कहना है कि मनरेगा के पोर्टल पर सर्वर की समस्या आ रही है. इस वजह से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. कार्य रोका नहीं गया. पोर्टल चालू होगा वैसे ही कार्य शुरू किया जाएगा.

250 Labor protested sitting in pond In Khandwa
एक हप्ते में बंद किया काम

लोगों का आरोप है कि इस पूरे मामले में सचिव और अधिकारी मिलीभगत करने में लगे हुए हैं. गांव का एक पंच अधिकारियों से सांठगांठ करके उनके हितों को कुचल रहा है. लोगों का कहना है कि मजदूर सरकार के द्वारा जारी इस मनरेगा में काम कर रोटी कमा रहे हैं, लेकिन इस तरह की मिलीभगत से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सुरगांव जोशी गांव में तालाब गहरीकरण का कार्य चल रहा है. जिसमें लगभग 250 मजदूरों कार्य कर रहे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक लगभग 1 सप्ताह कार्य करने के बाद इन मजदूरों से ग्राम के सचिव और परियोजना अधिकारी ने काम से रोक दिया गया. इन्हें यह कहकर काम रुकवा दिया कि पैसे नहीं हैं. ना तो एक हफ्ता के पैसे दिए और ना ही आगे का काम करवाया जा रहा है.

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