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'भैया जी का अड्डा': मंधाता में उत्तम नहीं वोटर बोल रहे सिर्फ नारायण-नारायण... - खंडवा मतदाता ईटीवी भारत से बात

ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत खंडवा के मांधाता विधानसभा क्षेत्र पहुंचा और मतदाताओं से चुनावी मुद्दों के बारे में चर्चा की.

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भैया जी का अड्डा
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Published : Oct 23, 2020, 7:41 PM IST

खंडवा। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा हैं. वैसे ही राजनीतिक दलों के साथ मतदाताओं में भी उत्सुकता देखी जा रही हैं. ईटीवी भारत प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर चुनावी नब्ज़ टटोलने के लिए भैया जी का अड्डा कार्यक्रम के जरिए मतदाताओं से बात कर रहा है. इसके जरिए हम आपको क्षेत्र के मुद्दे, उम्मीदवारों के बारे में मतदाताओं की राय बताएंगे. ईटीवी भारत का चुनावी विशेष कार्यक्रम भैया जी का अड्डा में ईटीवी भारत की टीम ने मांधाता के मूंदी नगर में लोगों से चुनावी चर्चा की. जिसमें क्षेत्र के मतदाताओं ने अपनी अपनी बात रखी.

मंधाता विधानसभा क्षेत्र में 'भैया जी का अड्डा'

क्या है मतदाताओं की राय

मांधाता के चुनावी रण में इस बार कांग्रेस की ओर से उत्तम पाल सिंह और बीजेपी के तरफ से नारायण पटेल चुनावी मैदान में हैं. ईटीवी भारत इन दोनों ही प्रमुख उम्मीदवारों के बारे में क्षेत्र की जनता से उनकी चुनावी नब्ज टटोलने के लिए निकला है. इसके चलते उनसे क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर सवाल किए तो मतदाताओं ने मिलाजुली प्रतिक्रिया दी.

रोजगार का मुद्दा है प्रमुख

मांधाता क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि कांग्रेस जो नारायण पटेल पर बिकाऊ होने का आरोप लगा रही हैं, वो बिल्कुल गलत है. 15 महीनो में विकास रुक गया था. इसलिए जनता उनके साथ है. और वो यहां से जीतेंगे. वहीं क्षेत्र में रोजगार का मुद्दा प्रमुख है. यहां प्रदेश का बड़ा सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट हैं. जहां स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने का एक बड़ा मुद्दा है.

इसके साथ ही क्षेत्र में किसानों की कर्जमाफी होना बाकी है. किसान चाहते हैं कि उनका 2 लाख तक का कर्ज माफ हो. वहीं फसल बीमा योजना क्षेत्र में बुरी तरह विफल रही. किसानों को सिंगल डिजिट में रूपए मिले हैं. जिससे किसानों में गुस्सा हैं.

विकास की गंगा बहाने की बात कर रहे उत्तम पाल

मांधाता विधानसभा में जहां एक ओक कांग्रेस बिकाऊ और टिकाऊ के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, उसका मानना यह है कि बीजेपी का उम्मीदवार नारायण पटेल जो कि पूर्व में कांग्रेस से ही विधायक थे. वह बीजेपी के हाथों बिक गए हैं. उन्होंने जनता के मत को भी बेच दिया है. किसानों की कर्जमाफी योजना को आगे बढ़ाकर 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का दावा कर रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस क्षेत्र की जनता से उत्तम पाल सिंह के लिए वोट मांग रही है और क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने की बात कह रही है.

तीन मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में नारायण पटेल

तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के उम्मीदवार नारायण पटेल ने कमलनाथ के 15 महीने की सरकार में क्षेत्र में विकास कार्य को गति नहीं दे पाने की बात कहकर कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्होंने इस क्षेत्र में विकास को अपना मुद्दा बनाया है. नारायण पटेल का कहना है कि अगर वे जीतते हैं तो अधूरे और रुके हुए विकास कार्य को गति देंगे. साथ ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो क्षेत्र को कई सौगातें मिल सकती हैं. नारायण पटेल क्षेत्र में मूंदी और किल्लोद को तहसील बनाने और क्षेत्र का प्रसिद्ध धर्मस्थल सिंगाजी महाराज की स्थली को पर्यटन स्थल बनाने के तीन प्रमुख मुद्दों के साथ इस चुनावी मैदान में डटे हुए हैं.

'भैया जी का अड्डा': जानिए बदनावर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता क्या चाहते हैं

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार

वहीं राजनीतिक जानकर इस चुनाव को कांटे का मुकाबला मान रहे हैं. किसी भी प्रत्याशी के जीत के अंतर को बहुत कम मानकर चल रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी के साथ उनके पिता राजनारायण सिंह की लंबी राजनीतिक विरासत है.

वे 3 बार यहां से विधायक रह चुके हैं. क्षेत्र के गांव-गांव तक उनकी छवि एक जनसेवा वाले राजनेता की रही है. तो वहीं दूसरी ओर नारायण पटेल को बीजेपी के मजबूत और जमीनी संगठन का साथ मिला है.

शुरुआती नाराजगी के बाद अब बीजेपी कार्यकर्ता जमीनी रूप से जुड़ गया है. इसलिए मुकाबला बेहद कड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि जनता अपना मत देकर किसे विधायक की गद्दी पर बैठाती है. यह आने वाली 3 नवंबर को वोटिंग के साथ ही ईवीएम में कैद हो जाएगा. वहीं जब 10 तारीख को परिणाम सामने आएंगे तो साफ हो जाएगा की जनता ने किस प्रत्याशी के ऊपर भरोसा जताया है.

खंडवा। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा हैं. वैसे ही राजनीतिक दलों के साथ मतदाताओं में भी उत्सुकता देखी जा रही हैं. ईटीवी भारत प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर चुनावी नब्ज़ टटोलने के लिए भैया जी का अड्डा कार्यक्रम के जरिए मतदाताओं से बात कर रहा है. इसके जरिए हम आपको क्षेत्र के मुद्दे, उम्मीदवारों के बारे में मतदाताओं की राय बताएंगे. ईटीवी भारत का चुनावी विशेष कार्यक्रम भैया जी का अड्डा में ईटीवी भारत की टीम ने मांधाता के मूंदी नगर में लोगों से चुनावी चर्चा की. जिसमें क्षेत्र के मतदाताओं ने अपनी अपनी बात रखी.

मंधाता विधानसभा क्षेत्र में 'भैया जी का अड्डा'

क्या है मतदाताओं की राय

मांधाता के चुनावी रण में इस बार कांग्रेस की ओर से उत्तम पाल सिंह और बीजेपी के तरफ से नारायण पटेल चुनावी मैदान में हैं. ईटीवी भारत इन दोनों ही प्रमुख उम्मीदवारों के बारे में क्षेत्र की जनता से उनकी चुनावी नब्ज टटोलने के लिए निकला है. इसके चलते उनसे क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर सवाल किए तो मतदाताओं ने मिलाजुली प्रतिक्रिया दी.

रोजगार का मुद्दा है प्रमुख

मांधाता क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि कांग्रेस जो नारायण पटेल पर बिकाऊ होने का आरोप लगा रही हैं, वो बिल्कुल गलत है. 15 महीनो में विकास रुक गया था. इसलिए जनता उनके साथ है. और वो यहां से जीतेंगे. वहीं क्षेत्र में रोजगार का मुद्दा प्रमुख है. यहां प्रदेश का बड़ा सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट हैं. जहां स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने का एक बड़ा मुद्दा है.

इसके साथ ही क्षेत्र में किसानों की कर्जमाफी होना बाकी है. किसान चाहते हैं कि उनका 2 लाख तक का कर्ज माफ हो. वहीं फसल बीमा योजना क्षेत्र में बुरी तरह विफल रही. किसानों को सिंगल डिजिट में रूपए मिले हैं. जिससे किसानों में गुस्सा हैं.

विकास की गंगा बहाने की बात कर रहे उत्तम पाल

मांधाता विधानसभा में जहां एक ओक कांग्रेस बिकाऊ और टिकाऊ के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, उसका मानना यह है कि बीजेपी का उम्मीदवार नारायण पटेल जो कि पूर्व में कांग्रेस से ही विधायक थे. वह बीजेपी के हाथों बिक गए हैं. उन्होंने जनता के मत को भी बेच दिया है. किसानों की कर्जमाफी योजना को आगे बढ़ाकर 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का दावा कर रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस क्षेत्र की जनता से उत्तम पाल सिंह के लिए वोट मांग रही है और क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने की बात कह रही है.

तीन मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में नारायण पटेल

तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के उम्मीदवार नारायण पटेल ने कमलनाथ के 15 महीने की सरकार में क्षेत्र में विकास कार्य को गति नहीं दे पाने की बात कहकर कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्होंने इस क्षेत्र में विकास को अपना मुद्दा बनाया है. नारायण पटेल का कहना है कि अगर वे जीतते हैं तो अधूरे और रुके हुए विकास कार्य को गति देंगे. साथ ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो क्षेत्र को कई सौगातें मिल सकती हैं. नारायण पटेल क्षेत्र में मूंदी और किल्लोद को तहसील बनाने और क्षेत्र का प्रसिद्ध धर्मस्थल सिंगाजी महाराज की स्थली को पर्यटन स्थल बनाने के तीन प्रमुख मुद्दों के साथ इस चुनावी मैदान में डटे हुए हैं.

'भैया जी का अड्डा': जानिए बदनावर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता क्या चाहते हैं

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार

वहीं राजनीतिक जानकर इस चुनाव को कांटे का मुकाबला मान रहे हैं. किसी भी प्रत्याशी के जीत के अंतर को बहुत कम मानकर चल रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी के साथ उनके पिता राजनारायण सिंह की लंबी राजनीतिक विरासत है.

वे 3 बार यहां से विधायक रह चुके हैं. क्षेत्र के गांव-गांव तक उनकी छवि एक जनसेवा वाले राजनेता की रही है. तो वहीं दूसरी ओर नारायण पटेल को बीजेपी के मजबूत और जमीनी संगठन का साथ मिला है.

शुरुआती नाराजगी के बाद अब बीजेपी कार्यकर्ता जमीनी रूप से जुड़ गया है. इसलिए मुकाबला बेहद कड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि जनता अपना मत देकर किसे विधायक की गद्दी पर बैठाती है. यह आने वाली 3 नवंबर को वोटिंग के साथ ही ईवीएम में कैद हो जाएगा. वहीं जब 10 तारीख को परिणाम सामने आएंगे तो साफ हो जाएगा की जनता ने किस प्रत्याशी के ऊपर भरोसा जताया है.

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