खंडवा। कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए सावन महीने में ओंकारेश्वर मंदिर में भक्त भगवान शिव का अभिषेक नहीं कर पाएंगे. भक्तों को चांदी के गेट से ही भगवान के दर्शन की अनुमति दी गई है. थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क और कोविड वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा. यह निर्णय ओंकारेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति ने बैठक के दौरान लिए. प्रबंधन समिति ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह निर्णय लिए गए है.
दो दिन के लिए श्रद्धालुओं के पर प्रतिबंध
एसडीएम और मंदिर ट्रस्ट के कार्यपालन अधिकारी चंदर सिंह सोलंकी ने बताया कि 23 और 24 जुलाई को ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं के पर प्रतिबंध रहेगा. सावन माह में श्रद्धालु कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर पाएंगे. प्रतिदिन दस हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का लक्ष्य प्रशासन ने तय किया है. इसमें आनलाइन बुकिंग के माध्यम से चार हजार लोगों को और टोकन व्यवस्था से चार हजार लोगों को दर्शन कराए जाएंगे. वीआईपी व्यवस्था के तहत दो हजार भक्तों को दर्शन कराए जाएंगे.
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गुरु पुर्णिमा पर होने वाले कार्यक्रम निरस्त
गुरु पूर्णिमा पर्व पर स्थानीय आश्रमों में होने वाले कार्यक्रमों को निरस्त किया गया हैं. साधारण रुप में गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. भोजन भंडारों का कोई आयोजन नहीं होगा. भगवान भोलेनाथ सावन सोमवार को निकलने वाली सवारियां साधारण रुप से निकाली जाएगी. नौका विहार करने के बाद पिछला घाट से मुख्य बाजार मार्ग होते हुए सवारी वापस मंदिर पंहूचेगी.
धारा 188 के तहत की जाएगी कार्रवाई
महाराष्ट्रियन सावन के अंतिम सोमवार को ओंकार पर्वत परिक्रमा पर जाने वाली सवारी इस बार निरस्त की गई हैं. मुख्य मंदिर के निकासी द्वार से प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध किया गया हैं. उल्लंघन करने पर धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
मंदिर में सावन माह के लिए विशेष तैयारी
सावन माह 25 जुलाई से शुरू हो रहा है. सावन मास के लिए मंदिर समिति ने भगवान ओंकारेश्वर मंदिर और ममलेश्व मंदिर में तैयारियां शुरु कर दी हैं. आकर्षक साज-सज्जा और रंगीन विद्युत सजावट से भगवान ओंकारेश्वर की मगरी जगमगा रही है. गर्भगृह के चांदी के दरवाजों सहित नंदी हॉल, प्रवेश द्वार, निकासी द्वार में सफाई कार्य के साथ दर्शन व्यवस्थाओं में बदलाव किया जा रहा है.