खंडवा। बाघ के हमले से घायल युवक की मौत हो गई, उसे खंडवा जिला अस्पताल से इंदौर रेफर किया गया था (Tiger attacked man in khandwa). इस दौरान बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. मृतक के परिवार की आर्थिक मदद के लिए पंधाना विधायक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा और आठ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलवाई. जिले के पंधाना क्षेत्र में गवला गांव में बुधवार को बाघ के हमले से संतोष भास्करे गंभीर रूप से घायल हुआ था, उसकी गर्दन पर बाघ ने हमला किया था. इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. हालत में सुधार नहीं होने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल से इंदौर रेफर किया गया था. गुरुवार को इंदौर ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
बाघ से भिड़ा युवक: खंडवा के जिला अस्पताल में भर्ती गवला गांव के संतोष भास्करे ने आपबीती बताई थी, उसने कहा था कि ''जब वह अपने खेत की पगडंडी से जा रहा था, उस दौरान ग्रामीणों को बाघ नजर आया, वे उसे भगा रहे थे, तभी बाघ ने उसपर हमला कर दिया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और बाघ से भिड़ गया. उसकी गर्दन पर बाघ का पंजा लगा, इस दौरान लोगों के आ जाने से बाघ जंगल की तरफ भाग गया था." घटना की जानकारी लगने पर पंधाना विधायक राम दांगोडे जिला अस्पताल पहुंचे और संतोष से स्वास्थ के बारे के जानकारी ली थी, लेकिन संतोष की जान नहीं बच पाई. इधर बाघ को लेकर गवला सहित आसपास के गांवों में दहशत बनी हुई है. खरगोन और खंडवा की वन विभाग की टीम उसकी तलाश में है, लेकिन अभी तक उसका पता महीं लग सका.
Also Read: बाघ से हमले से जुड़ी अन्य खबरें यहां देखें |
बाघ की गतिविधियों पर वन विभाग की नजर: अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि ''खरगोन जिले के एक गांव में बाघ ने उत्तर महाराष्ट्र के वन्यजीव अभयारण्य से बाहर निकलने के बाद 35 वर्षीय व्यक्ति पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई''. उन्होंने बताया कि ''खुशियाली गांव में बुधवार शाम संतोष भास्कर नाम के व्यक्ति ने बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया, जब उसने बाध को डंडे से भगाने की कोशिश की, लेकिन बाघ ने उस पर हमला कर दिया था''. सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में बाघ को वापस अपने क्षेत्र में लाने के प्रयास निरर्थक साबित हुए. वन विभाग के अधिकारी बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और ग्रामीणों से बाघ को परेशान नहीं करने की अपील की है.