खंडवा। श्री धूनीवाले दादाजी धाम में बनने वाले मंदिर के मॉडल को लेकर विवाद फिर गरमाता जा रहा है. एक तरफ जहां छोटे सरकार के अनुयायी 84 खंभों का मंदिर बनवाना चाहते हैं, वहीं ट्रस्ट द्वारा लाल पत्थर वाले 108 खंभों के मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है. संगमरमर के मॉडल के आधार पर छोटे सरकार द्वारा तैयार कराई गई शिलाओं को लेकर बड़ी संख्या में माता चौक, आनंदनगर और शनि मंदिर तीन स्थानों से ट्रैक्टर-ट्रालियों में शिलाएं रखकर दादाजी नाम का संकीर्तन करते हुए भक्त दादाजी धाम पहुंचे.
पुलिस ने भक्तों को जाने से रोका: यहां पुलिस द्वारा बेरिकेड्स लगाकर रास्ता रोक दिया गया था, भक्त जब आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने जाने से इनकार कर दिया. इस पर कुछ भक्तों ने कहा कि हमें श्रीदादाजी मंदिर में दर्शन करने के लिए भी नहीं जाने दोगे क्या. इसके बाद पुलिस ने भक्तों को एंट्री दे दी. बड़ी संख्या में भक्त मंदिर के प्रवेश द्वार पर बैठ गए और दादाजी नाम का जाप करते रहे. इधर पुलिस ने संगमरमर की शिलाएं रखकर लाई गई ट्रैक्टर-ट्रालियों को अंदर प्रवेश नहीं दिया.
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ट्रस्ट की हठधर्मिता से नहीं बन रहा मंदिर: भक्तों का समूह ट्रस्ट कार्यालय की ओर पहुंचा, यहां भक्तों ने ट्रस्टियों को बाहर बुलाने की बात कही. इस दौरान बताया गया कि कोई भी ट्रस्टी कार्यालय में ही नहीं है. दादाजी भक्त मोहन गंगराड़े ने कहा कि यदि ट्रस्टी हमारी बात नहीं सुनना चाहते हैं तो प्रशासन सुने. उन्होंने एडीएम अरविंद चौहान के समक्ष कहा कि यह ट्रस्ट की हठधर्मिता है. छोटे दादाजी की इच्छा थी कि 84 खंभों का मंदिर बने लेकिन ट्रस्टी यह नहीं चाहते हैं. 30 साल से 84 ट्रक मार्बल शहर के गोदामों में रखा है. गंगराड़े ने कहा कि अब हम शिलाओं का पूजन करके उन्हें वापस उसी स्थान पर रखेंगे. अधिवक्ता राकेश थापक ने कहा कि ट्रस्टियों को भक्तों से मिलने के लिए आना था, यह दादाजी भक्तों का अपमान है. इस दौरान दादाजी भक्त राजेश डोंगरे, सांसद प्रतिनिधि अमर यादव, सुनील जैन, भारत पटेल सहित अन्य भक्त उपस्थित रहे.