खंडवा। धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर जिला प्रशासन ने बुधवार देर शाम शहर की सभी धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों के साथ पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक रखी. बैठक के दौरान खंडवा शहर काजी ने कहा कि हम सब कानून के मानने वाले लोग हैं. हमारी गुजारिश है कि आप हमारे साथ ऐसा कोई व्यवहार ना करें, जिससे हमको मजबूरन सड़कों पर आना पड़े. बता दें कि यहां जिला प्रशासन इससे पहले धार्मिक स्थलों पर स्पीकर लगाने के फरमान के साथ ही उनका ऑडियो डेसीबल टेस्ट भी पूरा कर चुका है.
नियमों का पालन करना होगा : बैठक की शुरुआत में ही एसडीएम चौहान ने सभी को बताया कि जिले में 55 डेसीबल की आवाज के पैरामीटर का वायलेशन हो रहा है. इस आवाज की कैटेगरी में कोई भी साउंड सिस्टम नहीं आता है. इसलिए पड़ोस के जिलों की तरह ही हमें भी जितनी भी धार्मिक संस्थाएं हैं, वहां से सभी तरह के साउंड सिस्टम को हटाना है. वहीं सीएसपी तोमर ने भी सभी से कहा कि अब आप लोग किसी भी धार्मिक स्थल में किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं करेंगे. यह अकेले खंडवा का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का निर्णय है.
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प्रशासन के निर्णय का विरोध : जिला प्रशासन के इस एकतरफा निर्णय के बाद बैठक में मौजूद लोगों ने इस निर्णय का विरोध करना शुरू कर दिया. इस दौरान वहां मौजूद खंडवा शहर काजी सैयद निसार अली ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि खंडवा के तमाम लोगों ने जिला प्रशासन का साथ मिलकर अपनी अपनी इबादतगाहों से मस्जिदों से सारे साउंड सिस्टम निकाल लिए. सिर्फ एक सिस्टम रहने दिया. प्रशासन ने उस वक्त कहा था, सबको परमिशन देंगे, आप परमिशन मांगो. सभी ने परमिशन के लिए आवेदन भी दिया, लेकिन अब आज प्रशासन हमको यह कह रहा है कि सारे साउंड सिस्टम उतारने होंगे.