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खंडवा में अनोखी पहल, ऐसे मिलेगा 75 साल पुराने पेड़ को नवजीवन

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Published : Nov 27, 2022, 10:31 AM IST

खंडवा में पर्यावरण प्रेमियों और समाजसेवियों की मदद से एक अनोखी पहल की गई, जिसके तहत 75 साल पुराने पीपल के पेड़ को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है, इससे अब पेड़ को नया जीवन मिलेगा. (khandwa save tree initiative) वाकई ये पर्यावरण संरक्षण का सबसे अच्छा संदेश है.

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खंडवा। कालोनी को विकसित करने के नाम पर पेड़ो की बलि चढ़ते हुए देखा होगा, लेकिन खंडवा में 15 पेड़ों न कि काटने से बचाया बल्कि उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कर पुनर्जीवन दिया गया. पहली कड़ी मव 75 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ की पुनर्जीवन यात्रा निकाली गई, 17 किलोमीटर दूर एक कालोनी में शिफ्ट किया गया. (khandwa save tree initiative) दरअसल शहर के यह समाजसेवी रितेश गोयल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है.

75 years old peepal tree shifted to another place
75 साल पुराने पेड़ को मिलेगा नवजीवन

समझ आया पेड़ों का महत्व: रितेश गोयल का कहना है कोरोना काल में उन्होंने आक्सीजन के अभाव में लोगों की सांसें उखड़ती देखीं, पेड़ों का महत्व तब समझ में आया. तीन महीने से हैदराबाद के पर्यावरणविद् जो कई विशाल पेड़ों को शिफ्ट कर चुके हैं, उन्होंने निर्देशित किया, वे यहां भी कई बार आए, जिसकी मदद से अब केमिकल व संसाधन के बाद पेड़ को 3 क्रेन, एक जेसीबी, ट्राले की मदद से 6 घंटे में सुरक्षित निकाल लिया.

पेड़ की यात्रा निकाली: पीपल के पेड़ की यात्रा अंजनी बालाजी नगर से बालाजी धाम छैगांवमाखन तक निकाली, इसका उद्देश लोगों को जागरूक करना है. शहर के कई हिस्सों में यात्रा निकली, रात करीब 11 बजे पेड़ पेड़ बालाजी धाम पहुंचा. पेड़ छैगांव के बालाजीधाम में भगवान बालाजी की 81 फीट ऊंची लगने वाली मूर्ति के पास बड़े बगीचे में लगाए जाएगा.

आपने क्या कभी पेड़-पौधों को अपने बारे में बताते हुए सुना है ? नहीं, तो जरूर पढ़िए ये ख़बर

फिर लहलहाएगा पेड़: समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि, "पेड़ काटने की अनुमति के नियम तो सरल हैं, लेकिन पेड़ को शिफ्ट करने की अनुमति में 3 माह लग गए. इसके कानून खोजने में वन विभाग व नगर निगम को लंबा समय लग गया, नगर निगम ने इसकी इजाजत दी." इसके साथ ही हैदराबाद से आए भागा रेड्डी ने नम आंखों के साथ कहा कि, " अब मेहनत सफल होगी, पेड़ फिर लहलहाएगा, क्योंकि मैं और रितेश गोयल मेहनत व अच्छे विचार से काम कर रहे हैं."

खंडवा। कालोनी को विकसित करने के नाम पर पेड़ो की बलि चढ़ते हुए देखा होगा, लेकिन खंडवा में 15 पेड़ों न कि काटने से बचाया बल्कि उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कर पुनर्जीवन दिया गया. पहली कड़ी मव 75 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ की पुनर्जीवन यात्रा निकाली गई, 17 किलोमीटर दूर एक कालोनी में शिफ्ट किया गया. (khandwa save tree initiative) दरअसल शहर के यह समाजसेवी रितेश गोयल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है.

75 years old peepal tree shifted to another place
75 साल पुराने पेड़ को मिलेगा नवजीवन

समझ आया पेड़ों का महत्व: रितेश गोयल का कहना है कोरोना काल में उन्होंने आक्सीजन के अभाव में लोगों की सांसें उखड़ती देखीं, पेड़ों का महत्व तब समझ में आया. तीन महीने से हैदराबाद के पर्यावरणविद् जो कई विशाल पेड़ों को शिफ्ट कर चुके हैं, उन्होंने निर्देशित किया, वे यहां भी कई बार आए, जिसकी मदद से अब केमिकल व संसाधन के बाद पेड़ को 3 क्रेन, एक जेसीबी, ट्राले की मदद से 6 घंटे में सुरक्षित निकाल लिया.

पेड़ की यात्रा निकाली: पीपल के पेड़ की यात्रा अंजनी बालाजी नगर से बालाजी धाम छैगांवमाखन तक निकाली, इसका उद्देश लोगों को जागरूक करना है. शहर के कई हिस्सों में यात्रा निकली, रात करीब 11 बजे पेड़ पेड़ बालाजी धाम पहुंचा. पेड़ छैगांव के बालाजीधाम में भगवान बालाजी की 81 फीट ऊंची लगने वाली मूर्ति के पास बड़े बगीचे में लगाए जाएगा.

आपने क्या कभी पेड़-पौधों को अपने बारे में बताते हुए सुना है ? नहीं, तो जरूर पढ़िए ये ख़बर

फिर लहलहाएगा पेड़: समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि, "पेड़ काटने की अनुमति के नियम तो सरल हैं, लेकिन पेड़ को शिफ्ट करने की अनुमति में 3 माह लग गए. इसके कानून खोजने में वन विभाग व नगर निगम को लंबा समय लग गया, नगर निगम ने इसकी इजाजत दी." इसके साथ ही हैदराबाद से आए भागा रेड्डी ने नम आंखों के साथ कहा कि, " अब मेहनत सफल होगी, पेड़ फिर लहलहाएगा, क्योंकि मैं और रितेश गोयल मेहनत व अच्छे विचार से काम कर रहे हैं."

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