खंडवा। तारामाटी गांव में रहने वाले हरिराम के 12 साल के बेटे हरिकशन को डायरिया हो गया था. 16 अगस्त को वह उसे लेकर खंडवा के सरकारी अस्पताल आया था. यहां हरिकिशन को भर्ती कर उसका उपचार किया जा रहा था, लेकिन पिता को जब अपने बेटे की सेहत में आराम होता नहीं दिखा तो उसने अगले दिन उसकी छुट्टी करवा दी. 17 अगस्त को वह उसे खंडवा स्थित बस स्टैंड से रोशनी के लिए बेटे को साथ लेकर बैठा. लेकिन इस बीच रास्ते में ग्राम आशापुर के पास उसके बेटे हरिकिशन की मौत हो गई. (Khandwa Bus Operator) (Youth deboarded from bus in Khandwa)
पिता की बेबसी: हरिकिशन को डायरिया होने से बस में यात्रियों को दुर्गंध आने लगी. इसको लेकर यात्रियों ने उसे बस से उतर जाने के लिए कहा. इस बीच वह ग्राम लंगोटी से कुछ दूर आगे बस से उतर गया. इस समय उसके पास इतने भी रुपये नहीं थे की वह किसी निजी वाहन से बेटे के शव को अपने गांव ले जा सके. साथ ही इतने भी रुपये नहीं थे की वह वहीं उसका अंतिम संस्कार कर सके. इस बेबसी में पिता ने अपने बेटे के शव को वहीं छोड़ना उचित समझा. शव को सड़क से कुछ दुर करीब 50 कदम पर नाले किनारे रख दिया था.तीन किमी पैदल चलकर ग्राम पटाजन पहुंचा यहां से पैदल ही अपने गांव चला गया. (Youth deboarded bus in Khandwa) (khandwa father no money for Childs funeral) (man carrying dead body hiding in bus)
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अंतिम संस्कार के लिए रुपये नहीं: कुछ देर बाद पुलिस को बालक का शव मिलने की सूचना मिल गई.पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए खंडवा जिला अस्पताल पहुंचाया. इधर पुलिस शव के बारे में जानकारी जुटाने में लग गई. इस बीच गुरुवार को देर रात शव की शिनाख्त हरिकिशन के रूप में हुई.शुक्रवार को उसका पिता और परिवार के अन्य लोग खंडवा पहुंचे. पूछताछ में पिता ने अपनी बेबसी से पुलिस को अवगत कराया. इस मामले में खालवा थाने के टीआई परसराम डाबर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिर्पोट आने पर मौत की असल वजह का पता चल सकेगा. इस मामले में पिता से पूछताछ की गई है. अंतिम संस्कार के लिए रुपये नहीं होने पर शव रखकर चले जाना बताया है. (Youth deboarded bus in Khandwa) (khandwa father no money for Childs funeral) (man carrying dead body hiding in bus)