खंडवा। पंधाना की ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के अंतर्गत ग्राम फतेहपुर के लोगों ने गांव से करीब 1किमी दूर प्राथमिक शाला एवं आंगनबाड़ी में कीचड़ एवं गंदगी के कारण अपने बच्चों का गुरुवार से स्कूल जाना रोक दिया है. ग्राम वासियों का कहना है कि, 'स्कूल जाने वाली इस रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ है. बच्चों को आने-जाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है. रोजाना बच्चे इस कीचड़ में फिसलते-गिरते हैं, जिससे विद्यार्थियों के कपड़े व स्कूल सामग्री खराब हो जाती हैं.
जर्जर रास्ते के कारण स्कूली बच्चों की शिक्षा पर संकट: खराब रास्ते को लेकर स्कूली बच्चों ने भी नारेबाजी करते हुए कहा कि, 'रोड नहीं तो स्कूल नहीं'. रोड बनाए जाने के संबंध में ग्राम वासियों ने हस्ताक्षर युक्त शिकायत कलेक्टर से भी की है. लेकिन अहम पहलू यह है कि, अगर स्कूल व अन्य मार्ग कीचड़ युक्त है और बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, तो 93 बच्चे शिक्षा से वंचित होगें. यह समस्या बरसों से है, लेकिन ग्राम पंचायत ने आज तक अनदेखी की, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है.
मांग के बाद भी नहीं हो पाया मुख्य मार्गों का निर्माण: ग्राम पंचायत पोखर खुर्द के अंतर्गत आने वाले ग्राम फतेहपुर के चारों ओर मुख्य मार्गो पर कीचड़ एवं गंदगी का अंबार है. जिसको लेकर ग्रामीण ने आक्रोश जताया, ग्रामीणों ने बताया कि, स्कूल, गांव, खेत-खलिहान एवं अन्य स्थानों पर आने-जाने के मार्ग कीचड़ से सराबोर हो चुके हैं. पैदल तो दूर, वाहन फिसलने का भी डर बना रहता है. अब ऐसी स्थिति में हम अपने बच्चों को स्कूल कैसे भेजें. वर्षों से इन मार्गों को दुरुस्त करने की मांग की जा रही है, लेकिन इन मुख्य मार्गों का निर्माण नहीं हो सका. जिसको लेकर अब पालकों ने बच्चों को स्कूल जाने से रोक दिया. इस कीचड़ एवं गंदगी में बच्चों को काफी परेशानी झेलना पड़ती है.
प्राथमिक शाला भवन भी जर्जर: ग्राम फतेहपुर में राजीव गांधी शिक्षा मिशन योजना के तहत 19 अप्रैल 2002 में इस प्राथमिक शाला भवन का लोकार्पण किया गया था, जो कि जर्जर जैसी स्थिति में है. स्कूल के कमरों में पानी देखा गया, साथ ही बरामदे की छत झुकी व पानी टपकता नजर आया.