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यह कैसी CM हेल्पलाइन! शिकायत वापस नहीं लेने पर पोते को भेज दिया जेल, तहसीलदार पर आरोप

खंडवा से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत वापस नहीं लेने पर पुलिस ने फरियादी के पोते को जेल भेज दिया. दरअसल बुजुर्ग महिला को दो साल से मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. जिस पर पटवारी ने आधार कार्ड अपडेट करवाने की बात कही. 2 महीने कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी महिला का आधार अपडेट नहीं हुआ तो उन्होंने 181 में की शिकायत की थी. महिला नायब तहसीलदार ने शिकायत वापस लेने का दबाव डाला, शिकायत वापस नहीं लेने पर उनके पोते को 7 घंटे तक जेल में रखा गया.

Complaint in Khandwa CM Helpline
खंडवा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत
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Published : Mar 18, 2023, 11:20 AM IST

Updated : Mar 18, 2023, 4:26 PM IST

खंडवा। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत वापस लेने के लिए जिला प्रशासन अब अत्याचार पर उतर आया है. 181 में की शिकायत को वापस नहीं लेने पर दादी के सामने उसके पोते को जेल भेज दिया. बुजुर्ग महिला ने जेल भेजने का आरोप महिला नायब तहसीलदार पर लगाया है. दादी का कहना है कि नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलाकर पोते को सलाखों के पिछे डलवा दिया है. मामला खंडवा के तहसील कार्यालय का है. वहीं महिला नायब तहसीलदार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

खंडवा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत

शिकायत वापस लेने का बनाया दबाव: खंडवा के ग्राम रोहणी निवासी 70 वर्षीय गीताबाई के पति की मौत हो चुकी है. बुजुर्ग महिला को पेंशन के साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशी मिल रही थी, लेकिन किसान कल्याण योजना की राशी उसे केवल दो बार ही मिली. इसके बाद उसके बैंक खाते में रुपये जमा होना बंद हो गए. करीब दो साल तक जब उसे योजना का लाभ नहीं मिला तो वह अपने पोते शुभम के साथ गांव के सरपंच और पटवारी से मिली थी. पटवारी ने ई केवायसी कर आधार अपडेट करवाने के लिए कहा था. इसके बाद वह करीब दो माह से आधार केंद्र के चक्कर लगा रही थी. आधार केंद्र पर मशीन में अंगूठे का निशान नहीं आने से आधार अपडेट नहीं हो रहा था. इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत की थी. इस शिकायत के चलते उसे शुक्रवार को तहसील कार्यालय बुलाया गया, यहां वह अपने पोते शुभम राजपूत के साथ पहुंची. गीताबाई ने बताया कि पोते के साथ वह नायब तहसीलदार माला राय की कोर्ट में पेश हुई, यहां उसे कहा गया कि शिकायत वापस ले लो. उसने व पोते ने आधार कार्ड अपडेट किए बिना शिकायत वापस लेने से मना कर दिया, इस पर नायब तहसीलदार ने कहा कि शिकायत वापस नहीं ली तो जेल में बंद कर देंगे. धमकी के बाद भी शिकायत वापस नहीं ली तो नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलवाकर शुभम को जेल भिजवा दिया.

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सात घंटे बाद जेल से छूटा शुभम: शुभम राजपूत को खंडवा जेल में बंद कर दिया गया था. दादी उसके वापस आने के इंतजार में तहसील कार्यालय में ही बैठी रहीं. इस बीच शहर में रहने वाले नाती सुनील जलखरे को पता चला तो वह तहसील कार्यालय पहुंचे. गीताबाई ने उसे सारे मामले की जानकारी दी. शाम करीब सात बजे शुभम को जेल से छोड़ दिया गया. शुभम ने बताया कि उसका यही कसूर था की उसकी दादी ने 181 पर की गई शिकायत वापस नहीं ली. इसके लिए उसे नायब तहसीलदार ने जेल भेज दिया, उस पर बेवजह कार्रवाई की गई.

क्या कहना है इनका: नायब तहसीलदार माला राय का कहना है कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव डालकर जेल भेजने जैसी कोई बात नहीं है. बेवजह आरोप लगाया जा रहा है. शिकायत का निराकरण करने के लिए गीताबाई को बुलाया था, गीता बाई मुझसे नहीं मिली वह बाहर ही थी, पोता शुभम कोर्ट में आया था. उसे ई केवायसी में आधार अपडेट के संबंध में जानकारी दी गई, उसे समझाया गया लेकिन वह शोर मचाते हुए विवाद करने लगा. इस वजह से उस पर धारा 151 में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया.

खंडवा। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत वापस लेने के लिए जिला प्रशासन अब अत्याचार पर उतर आया है. 181 में की शिकायत को वापस नहीं लेने पर दादी के सामने उसके पोते को जेल भेज दिया. बुजुर्ग महिला ने जेल भेजने का आरोप महिला नायब तहसीलदार पर लगाया है. दादी का कहना है कि नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलाकर पोते को सलाखों के पिछे डलवा दिया है. मामला खंडवा के तहसील कार्यालय का है. वहीं महिला नायब तहसीलदार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

खंडवा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत

शिकायत वापस लेने का बनाया दबाव: खंडवा के ग्राम रोहणी निवासी 70 वर्षीय गीताबाई के पति की मौत हो चुकी है. बुजुर्ग महिला को पेंशन के साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशी मिल रही थी, लेकिन किसान कल्याण योजना की राशी उसे केवल दो बार ही मिली. इसके बाद उसके बैंक खाते में रुपये जमा होना बंद हो गए. करीब दो साल तक जब उसे योजना का लाभ नहीं मिला तो वह अपने पोते शुभम के साथ गांव के सरपंच और पटवारी से मिली थी. पटवारी ने ई केवायसी कर आधार अपडेट करवाने के लिए कहा था. इसके बाद वह करीब दो माह से आधार केंद्र के चक्कर लगा रही थी. आधार केंद्र पर मशीन में अंगूठे का निशान नहीं आने से आधार अपडेट नहीं हो रहा था. इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत की थी. इस शिकायत के चलते उसे शुक्रवार को तहसील कार्यालय बुलाया गया, यहां वह अपने पोते शुभम राजपूत के साथ पहुंची. गीताबाई ने बताया कि पोते के साथ वह नायब तहसीलदार माला राय की कोर्ट में पेश हुई, यहां उसे कहा गया कि शिकायत वापस ले लो. उसने व पोते ने आधार कार्ड अपडेट किए बिना शिकायत वापस लेने से मना कर दिया, इस पर नायब तहसीलदार ने कहा कि शिकायत वापस नहीं ली तो जेल में बंद कर देंगे. धमकी के बाद भी शिकायत वापस नहीं ली तो नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलवाकर शुभम को जेल भिजवा दिया.

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सात घंटे बाद जेल से छूटा शुभम: शुभम राजपूत को खंडवा जेल में बंद कर दिया गया था. दादी उसके वापस आने के इंतजार में तहसील कार्यालय में ही बैठी रहीं. इस बीच शहर में रहने वाले नाती सुनील जलखरे को पता चला तो वह तहसील कार्यालय पहुंचे. गीताबाई ने उसे सारे मामले की जानकारी दी. शाम करीब सात बजे शुभम को जेल से छोड़ दिया गया. शुभम ने बताया कि उसका यही कसूर था की उसकी दादी ने 181 पर की गई शिकायत वापस नहीं ली. इसके लिए उसे नायब तहसीलदार ने जेल भेज दिया, उस पर बेवजह कार्रवाई की गई.

क्या कहना है इनका: नायब तहसीलदार माला राय का कहना है कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव डालकर जेल भेजने जैसी कोई बात नहीं है. बेवजह आरोप लगाया जा रहा है. शिकायत का निराकरण करने के लिए गीताबाई को बुलाया था, गीता बाई मुझसे नहीं मिली वह बाहर ही थी, पोता शुभम कोर्ट में आया था. उसे ई केवायसी में आधार अपडेट के संबंध में जानकारी दी गई, उसे समझाया गया लेकिन वह शोर मचाते हुए विवाद करने लगा. इस वजह से उस पर धारा 151 में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया.

Last Updated : Mar 18, 2023, 4:26 PM IST
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