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Khandwa Court News: इंजीनियर वैभव शर्मा अपहरण केस में दो दोषियों को उम्र कैद, 9 साल बाद आया फैसला - life imprisonment to two guilty

इंजीनियर वैभव शर्मा के अपहरण के मामले में कोर्ट ने 9 साल बाद फैसला सुनाया है. मामले में दो आरोपियों को दोषी पाये जाने के बाद उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. (Khandwa Court News) (engineer Vaibhav Sharma kidnap case )

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Published : Oct 14, 2022, 8:56 PM IST

खंडवा। इंजीनियर वैभव शर्मा के अपहरण के मामले में दोषी पाए गए सीजो चंद्रण और नारायण पवार को अब ताउम्र जेल में रहना होगा. तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश प्राची पटेल ने दोनों को आजीवन करावास की सजा दी. आरोपियों ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इंजीनियर शर्मा का अपहरण कर दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. छैगांवमाखन थाने में वर्ष 2013 में आरोपियों पर प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था.

9 साल बाद आया फैसला : करीब नौ साल पुराने मामले में शुक्रवार को यह फैसला आया है. शासन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक अभय दुबे ने बताया कि 5 दिसंबर 2013 को इंजीनियर वैभव शर्मा, निवासी आनंद नगर फोर्स मोटर कंपनी पीथमपुर के काम से बोरगांव बुजुर्ग आये थे. काम निपटाने के बाद वह इंदौर जाने के लिए छैगांवमाखन तिराहे पर थे. यहां उन्होंने इंदौर जाने के लिए अविनाश और उसके साथियों से कार में लिफ्ट ली. बदमाशों ने ये कार सावनेर (नागपुर) से चुराई थी. देर रात तक इंदौर नहीं पहुंचने पर भाई विदित शर्मा ने छैगांवमाखन पुलिस थाने में सूचना दी. 6 दिसंबर को मोघट थाने में वैभव की गुमशुदगी दर्ज की गई. इस बीच बदमाशों ने पत्नी वंदिता शर्मा के मोबाइल पर फोन कर वैभव के अपहरण की बात बताते हुए 10 लाख रुपए की मांग की. वैभव के एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के खाते में रुपए डालने के लिए कहा. इस पर परिवार ने करीब 7.50 लाख रुपए खाते में डाल दिए थे. आरोपियों ने 5.11 लाख रुपए अलग-अलग एटीएम से निकाल लिए.

MP Highcourt News: बिशप पीसी सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर अपहरणकर्ताओं से चंगुल से निकल गये वैभव शर्मा : 10 दिसंबर 2013 को नागपुर हाईवे पर ग्राम सांईखेड़ा के पास कार दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी. इससे अपहरणकर्ता घायल हो गए थे. इस दौरान वैभव मौका देखकर वहां से भाग निकले. पुलिस ने मौके पर से अविनाश(25) निवासी इंदिरा नगर नागपुर को पकड़ लिया था. शेष आरोपित सीजो चंद्रण (33) निवासी दिल्ली, नारायण पवार (32) निवासी मुलताई और सुनील उर्फ बल्लम (27) निवासी मुलताई भाग गए थे. इसके बाद पुलिस ने 15 दिसंबर 2013 को सीजो चंद्रण, सुनील उर्फ बल्लम और नारायण को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सात अप्रैल 2018 को न्यायालय ने अविनाश को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद इस मामले मे गुरुवार काे सीजो चंद्रण और नारायण काे सजा दी गई. इस मामले में जमानत पर छूटे सुनील उर्फ बल्लम की पुलिस को तलाश है. उसे कोर्ट ने 10 सितंबर 2015 से फरार घोषित कर रखा है. (Khandwa Court News) (engineer Vaibhav Sharma kidnap case )

खंडवा। इंजीनियर वैभव शर्मा के अपहरण के मामले में दोषी पाए गए सीजो चंद्रण और नारायण पवार को अब ताउम्र जेल में रहना होगा. तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश प्राची पटेल ने दोनों को आजीवन करावास की सजा दी. आरोपियों ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इंजीनियर शर्मा का अपहरण कर दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. छैगांवमाखन थाने में वर्ष 2013 में आरोपियों पर प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था.

9 साल बाद आया फैसला : करीब नौ साल पुराने मामले में शुक्रवार को यह फैसला आया है. शासन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक अभय दुबे ने बताया कि 5 दिसंबर 2013 को इंजीनियर वैभव शर्मा, निवासी आनंद नगर फोर्स मोटर कंपनी पीथमपुर के काम से बोरगांव बुजुर्ग आये थे. काम निपटाने के बाद वह इंदौर जाने के लिए छैगांवमाखन तिराहे पर थे. यहां उन्होंने इंदौर जाने के लिए अविनाश और उसके साथियों से कार में लिफ्ट ली. बदमाशों ने ये कार सावनेर (नागपुर) से चुराई थी. देर रात तक इंदौर नहीं पहुंचने पर भाई विदित शर्मा ने छैगांवमाखन पुलिस थाने में सूचना दी. 6 दिसंबर को मोघट थाने में वैभव की गुमशुदगी दर्ज की गई. इस बीच बदमाशों ने पत्नी वंदिता शर्मा के मोबाइल पर फोन कर वैभव के अपहरण की बात बताते हुए 10 लाख रुपए की मांग की. वैभव के एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के खाते में रुपए डालने के लिए कहा. इस पर परिवार ने करीब 7.50 लाख रुपए खाते में डाल दिए थे. आरोपियों ने 5.11 लाख रुपए अलग-अलग एटीएम से निकाल लिए.

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वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर अपहरणकर्ताओं से चंगुल से निकल गये वैभव शर्मा : 10 दिसंबर 2013 को नागपुर हाईवे पर ग्राम सांईखेड़ा के पास कार दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी. इससे अपहरणकर्ता घायल हो गए थे. इस दौरान वैभव मौका देखकर वहां से भाग निकले. पुलिस ने मौके पर से अविनाश(25) निवासी इंदिरा नगर नागपुर को पकड़ लिया था. शेष आरोपित सीजो चंद्रण (33) निवासी दिल्ली, नारायण पवार (32) निवासी मुलताई और सुनील उर्फ बल्लम (27) निवासी मुलताई भाग गए थे. इसके बाद पुलिस ने 15 दिसंबर 2013 को सीजो चंद्रण, सुनील उर्फ बल्लम और नारायण को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सात अप्रैल 2018 को न्यायालय ने अविनाश को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद इस मामले मे गुरुवार काे सीजो चंद्रण और नारायण काे सजा दी गई. इस मामले में जमानत पर छूटे सुनील उर्फ बल्लम की पुलिस को तलाश है. उसे कोर्ट ने 10 सितंबर 2015 से फरार घोषित कर रखा है. (Khandwa Court News) (engineer Vaibhav Sharma kidnap case )

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