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भूतड़ी अमावस्या पर ओंकारेश्वर बंद, श्रद्धालुओं के आने पर रोक - खंडवा न्यूज

खंडवा में भूतड़ी अमावस्या पर कोरोना वायरस के चलते जिला प्रशासन ने बाहर से आने- जाने वालों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. जिससे इस बार अमावस्या पर श्रद्धालु ओंकारेश्वर नहीं आ सके.

khandwa closed on the occasion of Bhooti Amavasya
भूतड़ी अमावस्या के मौके पर ओंकारेश्वर बंद
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Published : Mar 24, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Mar 24, 2020, 9:04 PM IST

खंडवाआज भूतड़ी अमावस्या है. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा 26 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है. जिसके चलते भूतड़ी अमावस्या पर ओंकारेश्वर आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस बार नहीं पहुंच सके. बरसों से ओंकारेश्वर में भूतड़ी अमावस्या के दिन डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं. ऐसा पहली बार हुआ, जब इस आयोजन पर रोक लगाई गई है.

भूतड़ी अमावस्या के मौके पर ओंकारेश्वर बंद

गौरतलब हैं कि, प्रशासन द्वारा इस बड़े आयोजन से पूर्व ही प्रतिबंध लगा दिया गया था. ओंकारेश्वर में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया हैं. साथ ही ओंकारेश्वर गर्भगृह के प्रवेश और घाट पर स्न्नान भी प्रतिबंधित किया जा चुका हैं.

तीर्थनगरी ओंमकारेश्वर में हर साल अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान कर डुबकी लगाते हैं. इस दिन अपने पितरों के लिए श्राद्ध और गरीबों को दान देने का महत्व है और भूत प्रेत पिशाच आदि से पीड़ित व्यक्ति यहां आकर अघोरी बाबाओं से पूजा पाठ कराते हैं.

खंडवाआज भूतड़ी अमावस्या है. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा 26 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है. जिसके चलते भूतड़ी अमावस्या पर ओंकारेश्वर आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस बार नहीं पहुंच सके. बरसों से ओंकारेश्वर में भूतड़ी अमावस्या के दिन डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं. ऐसा पहली बार हुआ, जब इस आयोजन पर रोक लगाई गई है.

भूतड़ी अमावस्या के मौके पर ओंकारेश्वर बंद

गौरतलब हैं कि, प्रशासन द्वारा इस बड़े आयोजन से पूर्व ही प्रतिबंध लगा दिया गया था. ओंकारेश्वर में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया हैं. साथ ही ओंकारेश्वर गर्भगृह के प्रवेश और घाट पर स्न्नान भी प्रतिबंधित किया जा चुका हैं.

तीर्थनगरी ओंमकारेश्वर में हर साल अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान कर डुबकी लगाते हैं. इस दिन अपने पितरों के लिए श्राद्ध और गरीबों को दान देने का महत्व है और भूत प्रेत पिशाच आदि से पीड़ित व्यक्ति यहां आकर अघोरी बाबाओं से पूजा पाठ कराते हैं.

Last Updated : Mar 24, 2020, 9:04 PM IST
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