खंडवा। किशोर कुमार की नगरी के रहने वाले सूरदास कवि अकबर ताज अयोध्या में राम भजन सुनाएंगे. राम भगवान के ऊपर लिखे भजन सुनाने के लिए उन्हें अयोध्या से स्पेशल इनविटेशन मिला है. अकबर इस निमंत्रण पत्र को पाकर झूम गए और बेहद खुश हैं. अकबर ने राम सिया राम नाम से एक खास रचना राम मंदिर के लिए खास तौर पर लिखी है जिसे वो अयोध्या में सुनाएंगे. ताज ने जो रचना लिखी है उसकी मशहूर लाइने हैं, "बनारस की सुबह वाले-अवध की शाम वाले हैं, हम ही सुजलाम वाले-हम सुफलाम वाले हैं. वजू करते हैं पांचों वक्त हम गंगा के पानी से, तुम्हारे ही नहीं श्रीराम, हम भी राम वाले हैं". इस अनूठी रचना को जिसने भी सुना वो अकबर ताज का फैन हो गया.
किसने किया आमंत्रित
जगद्गुरु सूरदास संत रामभद्राचार्य ने अकबर ताज को अयोध्या में 14 जनवरी को होने वाले विशेष आयोजन में प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया है. खंडवा के हाफल दिपला के रहने वाले अकबर ताज अपनी रचनाओं में श्रीराम के चरित्र का गुणगान करते हैं. इसलिए संत रामभद्राचार्य ने उन्हें आमंत्रित किया है.
क्या हिंदू और क्या मुसलमान
अकबर ताज का कहना है कि यह उनका सौभाग्य है कि रामजी पर लिखी कविताएं उन्हें अयोध्या में सुनाने का मौका मिल रहा है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर भी वे खुश हैं. अब तक वे रामजी पर आधारित रचना लिखते आ रहे हैं. उनकी रचनायें बहुत पसंद की जाती हैं. उनका कहना है कि भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र हमें मर्यादा में जीने की सीख देता है. उन्होंने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार कर लिया था.14 जनवरी को होने वाले विशेष आयोजन में वह अपनी लिखी श्रीराम की कविताएं सुनाएंगे.उन्होंने कहा कि हर धर्म को लेकर वे लिखते हैं क्या हिंदू और क्या मुसलमान.
अकबर ताज के मन में राम...
अकबर ने श्रीराम के ऊपर कई कविताएं लिखी हैं. उन्होंने लिखा है कि राम बनो तो राम के जैसा होना पड़ता है. राजमहल को छोड़ के वन में सोना पड़ता है, राम कथा को पढ़ लेना तुम आज के राजाओं, धर्म की खातिर राज सिंहासन खोना पड़ता है. अकबर ने इस दिन के लिए खास रचना लिखी है जिसे वे वहां सुनाएंगे. यह रचना है. बनारस की सुबह वाले अवध की शाम वाले हैं, हम ही सुजलाम वाले हैं, हम सुफलाम वाले हैं, वजू करते हैं पांचों वक्त हम गंगा के पानी से, तुम्हारे ही नहीं श्रीराम, हम भी राम वाले हैं.