ETV Bharat / state

प्रदेशभर में अलग अलग तरीके से मनाई गई गुरु पुर्णिमा, देखिए कहां कैसे मनाई गई गुरू पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विभिन्न स्थलों पर आयोजन किये गए. जहां भक्तों ने अपने गुरु की भक्ति में लीन होकर गुरु की आराधना की. कहीं रैली निकाली गई तो कहीं वृक्षारोपण कर गुरुपुर्णिमा मनाई गई.

सांई रैली
author img

By

Published : Jul 16, 2019, 11:45 PM IST

खंडवा/विदिशा/जबलपुर। गुरु पूर्णिमा के मौके पर प्रदेशभर में कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जहां विभिन्न स्थलों पर भक्तों की भीड़ लगी रही, इस मौके पर प्रदेशभर में भक्तों ने अपने गुरुओं की भक्ति कर उन्हें याद किया.

दादाजी धूनीवाले के यहां लगा भक्तों की तांता

जहां खंड़वा के दादाजी धूनीवाले के यहां भी भक्तों का तांता लगा रहा. देश विदेश में रह रहे लाखों भक्तों ने प्रसिद्ध संत दादाजी धूनीवाले को अपना गुरु मानकर गुरुपूर्णिमा के दिन यहां पहुंचे और दादाजी की समाधि पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया.यह सिलसिला दो से तीन दिनों तक चलता रहेगा. दादाजी यानी केशवानंद महाराज ने खंडवा में ही आकर अपना देह त्यागा था. उसके बाद से हर साल गुरुपूर्णिमा के दिन पूरे शहर के साथ-साथ जिले में सैकड़ों भंडारे होते हैं.

मनाई गई गुरुपुर्णिमा

विदिशा में भक्तों ने की सांई भक्ति

गुरु पूर्णिमा के मौके पर विदिशा में अलग-अलग स्थानों पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. सांई भक्तों ने सांई की पालकी निकाली तो कलेक्टर ने साल,श्रीफल देकर गुरुओं का सम्मान किया, शहर के मुख्य मार्गों से धूमधाम से सांई भगवान की पालकी निकाली. कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षकों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया.

वृक्षारोपण कर मनाई गुरु पुर्णिमा

जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति को सीनियर छात्रों ने वृक्षारोपण कर गुरु पूर्णिमा का उपहार दिया और उनका का सम्मान भी किया. छात्रों ने कुलपति कपिल देव मिश्रा, कुलसचिव कमलेश मिश्रा के साथ 100 से ज्यादा पीपल के पेड़ लगाए.

खंडवा/विदिशा/जबलपुर। गुरु पूर्णिमा के मौके पर प्रदेशभर में कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जहां विभिन्न स्थलों पर भक्तों की भीड़ लगी रही, इस मौके पर प्रदेशभर में भक्तों ने अपने गुरुओं की भक्ति कर उन्हें याद किया.

दादाजी धूनीवाले के यहां लगा भक्तों की तांता

जहां खंड़वा के दादाजी धूनीवाले के यहां भी भक्तों का तांता लगा रहा. देश विदेश में रह रहे लाखों भक्तों ने प्रसिद्ध संत दादाजी धूनीवाले को अपना गुरु मानकर गुरुपूर्णिमा के दिन यहां पहुंचे और दादाजी की समाधि पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया.यह सिलसिला दो से तीन दिनों तक चलता रहेगा. दादाजी यानी केशवानंद महाराज ने खंडवा में ही आकर अपना देह त्यागा था. उसके बाद से हर साल गुरुपूर्णिमा के दिन पूरे शहर के साथ-साथ जिले में सैकड़ों भंडारे होते हैं.

मनाई गई गुरुपुर्णिमा

विदिशा में भक्तों ने की सांई भक्ति

गुरु पूर्णिमा के मौके पर विदिशा में अलग-अलग स्थानों पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. सांई भक्तों ने सांई की पालकी निकाली तो कलेक्टर ने साल,श्रीफल देकर गुरुओं का सम्मान किया, शहर के मुख्य मार्गों से धूमधाम से सांई भगवान की पालकी निकाली. कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षकों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया.

वृक्षारोपण कर मनाई गुरु पुर्णिमा

जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति को सीनियर छात्रों ने वृक्षारोपण कर गुरु पूर्णिमा का उपहार दिया और उनका का सम्मान भी किया. छात्रों ने कुलपति कपिल देव मिश्रा, कुलसचिव कमलेश मिश्रा के साथ 100 से ज्यादा पीपल के पेड़ लगाए.

Intro:खंडवा - बरसों से गुरु शिष्य परंपरा की जीवंत मिसाल के रूप में अपनी पहचान को कायम करने वाला खंडवा शहर एक बार फिर दादाजी धूनीवाले के भक्तों की मेजबानी कर रहा है. देश विदेश में बसे लाखों भक्त प्रसिद्ध संत दादाजी धूनीवाले को अपना गुरु मानकर गुरुपूर्णिमा के दिन यहां पहुंच रहे हैं.और दादाजी की समाधि पर शीश नवाते हैं. बगल में उन्हीं के शिष्य हरिहर महाराज की समाधि भी हैं. यह सिलसिला दो से तीन दिनों तक अनवरत चलता रहेगा.


Body:दरअसल खंडवा के दादाजी धूनीवाले दरबार में गुरुपूर्णिमा के दिनों देश-विदेश से आए लाखों भक्त शीश नवाने उनकी समाधि पर पहुंच रहे हैं. इसके लिए पूरा शहर दादाजी भक्तों की मेजबानी करने के लिए तत्पर रहता हैं. इस बार भी 16 जुलाई आज के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही हैं. दो दिन तक भक्तों के लिए सैकड़ों खाने पीने के मुफ्त स्टॉल लगते हैं. जिसमें भक्तों को विभिन्न प्रकार की प्रसादी वितरित की जा रही हैं. महाराष्ट्र के भक्त की किलोमीटर की पैदल यात्रा का दादाजी धाम पहुंचे हैं वे अपने हाथ में दादाजी का निशान (झंडा) लिए हुए भजलो दादाजी का नाम भजलो हरि जी का नाम गाते हुए खंडवा पहुंच रहे हैं. खंडवा के इतिहास में दादाजी महाराज का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया हैं उनका असल नाम केशवानंद महाराज हैं छोटे दादाजी हरिहर जी की भी समाधि पास ही हैं. केशवानंद महाराज को शिवजी का अवतार माना जाता हैं. 1930 में उन्होंने खंडवा में देह त्याग किया था भक्तों में दादाजी के प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास हैं. दादाजी धाम के ट्रस्टी सुभाष नागोरी ने कहा 1931 से लगातार यहां गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया जा रहा हैं. देश विदेश से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं दादाजी ने छोटे दादाजी (हरिहर महाराज) को अपना शिष्य बनाया था. दादाजी यानी केशवानंद महाराज ने खंडवा में ही आकर अपनी देह त्यागी उसके बाद से हर साल गुरुपूर्णिमा के दिन पूरे शहर के साथ साथ जिले में सैकड़ो भंडारे होते हैं.

byte - दादाजी भक्त


Conclusion:खंडवा देश का एकमात्र ऐसा धार्मिक शहर हैं जहां हर साल दादाजी के मेले में यहां पहुंचने वाले भक्तों को सब निशुल्क मिलता है. पूरा शहर आने वाले भक्तों की सेवा में लग जाता है. गुरु शिष्य परंपरा की ऐसी मिशाल शायद ही कहीं देखने को मिले.

byte - सुभाष नागोरी , ट्रस्टी दादाजी धाम
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.