खंडवा। हाईकोर्ट द्वारा खासगी ट्रस्ट पर दिए गये आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. शनिवार को जिला प्रशासन ने ओंकारेश्वर में बड़ी कार्रवाई करते हुए संपत्तियों पर आधिपत्य में लेने की कार्रवाई की. नगर के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओंकारेश्वर में खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों की भौतिक जांच करना शुरू हो गई है.शुक्रवार शाम से शुरू हुई कार्रवाई से तीर्थ नगरी में हड़कंप मच गया है. हाईकोर्ट इंदौर द्वारा पारित आदेश पर मध्य प्रदेश में अहिल्या देवी चैरिटेबल खासगी ट्रस्ट की प्रदेश में 250 से ज्यादा संपत्ति अधिग्रहण करने की कार्रवाई सरकार द्वारा की जा रही है.ओंकारेश्वर में भी खासगी ट्रस्ट की 12 संपत्ति मौजूद है, जिसमें ममलेश्वर मंदिर सहित अन्य संपत्तियों की जांच स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है.
एसडीएम चंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि अहिल्या देवी चैरिटेबल खासगी ट्रस्ट की 12 संपत्तियों को कब्जे में लेने का कार्य शुरू किया जा चुका है. जिसमें तहसीलदार उदय मंडलोई, सीएमओ ओंकारेश्वर राजस्व अमला सूची के अनुसार कार्रवाई में जुटा है. जो संपत्तियां बिक चुकी हैं, उसकी सूची बनाकर कलेक्टर को प्रेषित की जाएगी. आगे कार्रवाई कलेक्टर के निर्देशानुसार की जाएगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओंकारेश्वर में खासगी ट्रस्ट की शिवपुरी, विष्णुपुरी और ब्रह्मपुरी में 12 संपत्तियां दर्ज हैं. जिसमें प्राचीन ममलेश्वर मंदिर भी शामिल है. इसके साथ महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के विष्णु मंदिर परिसर से लगे अहिल्यादेवी खासगी चैरिटेबल ट्रस्ट का बंगला, जो कई साल पहले इटली के विदेशी नागरिक को अहिल्यादेवी चैरिटेबल खासगी ट्रस्ट द्वारा बेच दिया गया था, के साथ मैनेजर के रहने का स्थान शामिल है.
शिवपुरी क्षेत्र में ट्रस्ट की जो संपत्तियां हैं, उनमें नगाड़ खाना के साथ साक्षी गणपति मंदिर, घडियाल खाना, नंदी गढ़ की डेरी, मारुति मंदिर शामिल है, जिस पर वर्तमान में भी ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट का कब्जा विगत कई सालों से है. इसके साथ ही नए बस स्टैंड से कुछ दूरी पर प्राचीन तालाब, जिस पर कब्जा हो चुका है, साथ ही भोगावा सनावद मार्ग पर स्थित गंगा बावड़ी सहित अन्य संपत्ति शामिल है.