खंडवा। शहर के घासपुरा गंज बाजार में ये हादसा हुआ. यहां एलपीजी गैस के रिफिलिंग गोदाम में गैस की टंकियों में विस्फोट हुआ. एक के बाद एक 40 टंकियां ब्लास्ट हुईं. इसे बुझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. ब्लास्ट के चलते रहवासी दहशत में रहे. आसपास के लोग अपना घर छोड़कर भाग खड़े हुए. बुधवार रात करीब 12 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका. आग से चार दुकान जलकर खाक हो गईं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र तारणेकर, राजेश रघुवंशी और डीएसपी अनिल चौहान ने 100 पुलिसकर्मियों के साथ मोर्चा संभाला. 50 से अधिक फेरे लगाकर 5 अग्निशामक वाहनों ने आग बुझाई.
एक के बाद एक 40 सिलेंडर फटे : गैस सिलेंडर भरने के दौरान एक टंकी में विस्फोट हुआ. इसके बाद मौके पर आग लग गई. पूरे गोदाम में आग भड़क गई. एक के बाद एक करके 40 टंकियों में विस्फोट हुआ. इस दौरान लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन लगातार फट रहे गैस सिलेंडरों के कारण काबू नहीं पाया जा सका. विस्फोट के दौरान सिलेंडरों के बिखरने और फटने के कारण कई लोग इसका शिकार हुए हैं. इसके बाद नगर निगम के फायर ब्रिगेड की टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.
पूरा गोदाम जलकर खाक : आग लगने के बाद हुए विस्फोट के बाद पूरा गैस रिफलिंग गोदाम जलकर खाक हो चुका है. आसपास के घरों को भी क्षति पहुंची है. इस हादसे में राजेश पवार (46 साल) उनकी पत्नी माधुरी (40साल) और पुत्र.रोशन (15 साल) गंभीर रूप से घायल हो गए. इनके अलावा दीपक पवार, भानु भांवरे निवासी टपालचला, हर्षल भगत निवासी बड़ा कब्रिस्तान, सतीष विश्वकर्मा निवासी शिवना हाल निवासी सलूजा कालोनी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इन्हें एंबुलेंस से इंदौर रवाना किया गया.
स्थानीय लोगों की समशाइश नहीं मानी : इस हादसे को लेकर स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि इतनी बार समझाया लेकिन किसी की नहीं सुनी. लोगों के अनुसार राजेश पंवार और उसका परिवार गैस रिफिलिंग का कार्य करता है, जिसने अपने ही घर को गैस गोदाम बनाया हुआ था. उसके घर में ही लगभग 100 से अधिक गैस सिलेंडर रखे हुए थे, जहां लगभग हर दस मिनट में एक टंकी में विस्फोट हुआ और ऐसे करके 40 टंकिया ब्लास्ट हुईं.
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पुलिस जांच में जुटी : इस मामले में डीएसपी अनिल चौहान ने बताया कि गैस सिलेंडरों में बलास्ट हुआ है. ये गैस की टंकियां इतनी मात्रा में कहां से आईं, इसकी जांच की जाएगी. वहीं स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि असलम गौरी के मुताबिक राजू पंवार और संजय पंवार अपने कारखाने में चक्की के साथ अवैध रूप से गैस रिफिलिंग का कार्य भी करते थे, जिन्हे हम सभी ने कई बार समझाया कि लेकिन बात नहीं मानी.