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खंडवा में भी बेखौफ वन माफिया .. वन मंत्री के जिले में ही सुरक्षित नहीं वन और वन्य प्राणी

खंडवा जिले में वनमाफिया के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब तक उन्होंने वन चौकी तक बनाने नहीं दी. वनकर्मियों ने जितनी बार प्रयास किया, वन माफिया ने चौकी को जला दिया. अस्थाई चौकी में भी आग लगा दी. गुना में वन्य प्राणियों की तरह ही खंडवा जिले में भी जंगल और वनजीव दोनों ही सुरक्षित नहीं हैं. माफिया के आगे वनकर्मियों के हौसले भी पस्त हैं. वे बिना फोर्स के जंगल में उन पर कार्रवाई करना तो दूर जंगल में घुसने से भी डरते हैं. (Fearless forest mafia in Khandwa) (Forest and wildlife not safe in Khandwa) (Forest not safe in district of Forest Minister)

Fearless forest mafia in Khandwa
खंडवा में भी बेखौफ वन माफिया
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Published : May 16, 2022, 3:15 PM IST

खंडवा। जिले के वन मंडल के गुडी वन परिक्षेत्र में जंगल माफिया सक्रिय हैं. इस क्षेत्र में पेड़ों को काटकर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. खरगोन, बड़वानी सहित आसपास के जिलों से आकर वन माफिया जंगल का सफाया करने में लगे हुए हैं. इन्हे जंगल से बेदखल करने के लिए वन विभाग ने अभियान भी चलाया, लेकिन वन माफिया के आगे वे टिक नहीं सके. कार्रवाई में कई बार वनकर्मी घायल हुए हैं. इस क्षेत्र में जंगल की सुरक्षा के लिए वन चौकी बनना है, लेकिन विभाग अब तक वन चौकी नहीं बना सका. जब भी वन चौकी बनाने का प्रयास किया जाता है तो वन माफिया हमला कर देते हैं. चौकी निर्माण की सामग्री को क्षति पहुंचाते हैं. साथ ही यहां टेंट में बने अस्थाई चौकी को भी कई बार जला चुके हैं.

दो साल से कट रहा जंगल : गुड़ी के बोरखेड़ा और आमखुजरी सर्कल पिछले दो सालों से पेड़ों की कटाई को लेकर चर्चा में बना हुआ है. वनग्राम आमा खुजरी में करीब 65 एकड़ में लगे पेड़ काट दिए थे. साथ ही अतिक्रमणकारियों ने लगभग 10 एकड़ वनभूमि पर फसल लगा दी थी. वहीं तारफेंसिंग भी अतिक्रमणकारी उखाड़कर फेंक दी थी. अतिक्रमणकारियों ने गोफन से वनकर्मियों पर हमला कर दिया था, जिसमें दस वनकर्मी घायल हुए थे. प्रकरण दर्ज करवाने के बाद भी पुख्ता कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों और वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.

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अब तक नहीं मिली रायफल : वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए वन गार्ड को रायफल देने का भी प्रस्ताव है. जिस पर अब तक विचार नहीं हो सका. इसके अलावा वन मंत्री विजय शाह द्वारा करीब छह माह पूर्व वन अमले को आधुनिक हथियारों से लैस करने उन्हें हथियार चलाने का अधिकार और प्रशिक्षण तथा जंगलों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे नाइट विजन वाले, वनकर्मियों का सुरक्षा किट,वनमाफिया से मुकाबले के लिए अश्रु गैस आदि संसाधन मुहैया करवाने की बात कही थी. इसके बाद खंडवा वन वृत्त अंतर्गत रेंजरो को रिवाल्वर उपलब्ध करवाई गई है.

"गुडी वन परिक्षेत्र में सशस्त्र बल की तैनाती के अलावा उत्पादन वनमंडल के कर्मचारियों को भी जंगल ड्यूटी पर लगाया जा रहा है. पेड़ों की कटाई और वन भूमि पर अवैध रूप से खेती करने वालों को रोकने के लिए जिला टास्क फोर्स की मदद से प्रभावी कार्रवाई की जाएगी. वनकर्मियों को रायफल उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है. जहां जरूरत होगी पुलिस व सशस्त्र बल के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई की जाएगी. सीताबेड़ी बीट में वनचौकी का निर्माण भी जल्द पूरा किया जाएगा."

-दीवाशु शेखर, डीएफओ,सामान्य वनमंडल, खंडवा

(Fearless forest mafia in Khandwa) (Forest and wildlife not safe in Khandwa)

खंडवा। जिले के वन मंडल के गुडी वन परिक्षेत्र में जंगल माफिया सक्रिय हैं. इस क्षेत्र में पेड़ों को काटकर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. खरगोन, बड़वानी सहित आसपास के जिलों से आकर वन माफिया जंगल का सफाया करने में लगे हुए हैं. इन्हे जंगल से बेदखल करने के लिए वन विभाग ने अभियान भी चलाया, लेकिन वन माफिया के आगे वे टिक नहीं सके. कार्रवाई में कई बार वनकर्मी घायल हुए हैं. इस क्षेत्र में जंगल की सुरक्षा के लिए वन चौकी बनना है, लेकिन विभाग अब तक वन चौकी नहीं बना सका. जब भी वन चौकी बनाने का प्रयास किया जाता है तो वन माफिया हमला कर देते हैं. चौकी निर्माण की सामग्री को क्षति पहुंचाते हैं. साथ ही यहां टेंट में बने अस्थाई चौकी को भी कई बार जला चुके हैं.

दो साल से कट रहा जंगल : गुड़ी के बोरखेड़ा और आमखुजरी सर्कल पिछले दो सालों से पेड़ों की कटाई को लेकर चर्चा में बना हुआ है. वनग्राम आमा खुजरी में करीब 65 एकड़ में लगे पेड़ काट दिए थे. साथ ही अतिक्रमणकारियों ने लगभग 10 एकड़ वनभूमि पर फसल लगा दी थी. वहीं तारफेंसिंग भी अतिक्रमणकारी उखाड़कर फेंक दी थी. अतिक्रमणकारियों ने गोफन से वनकर्मियों पर हमला कर दिया था, जिसमें दस वनकर्मी घायल हुए थे. प्रकरण दर्ज करवाने के बाद भी पुख्ता कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों और वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.

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अब तक नहीं मिली रायफल : वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए वन गार्ड को रायफल देने का भी प्रस्ताव है. जिस पर अब तक विचार नहीं हो सका. इसके अलावा वन मंत्री विजय शाह द्वारा करीब छह माह पूर्व वन अमले को आधुनिक हथियारों से लैस करने उन्हें हथियार चलाने का अधिकार और प्रशिक्षण तथा जंगलों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे नाइट विजन वाले, वनकर्मियों का सुरक्षा किट,वनमाफिया से मुकाबले के लिए अश्रु गैस आदि संसाधन मुहैया करवाने की बात कही थी. इसके बाद खंडवा वन वृत्त अंतर्गत रेंजरो को रिवाल्वर उपलब्ध करवाई गई है.

"गुडी वन परिक्षेत्र में सशस्त्र बल की तैनाती के अलावा उत्पादन वनमंडल के कर्मचारियों को भी जंगल ड्यूटी पर लगाया जा रहा है. पेड़ों की कटाई और वन भूमि पर अवैध रूप से खेती करने वालों को रोकने के लिए जिला टास्क फोर्स की मदद से प्रभावी कार्रवाई की जाएगी. वनकर्मियों को रायफल उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है. जहां जरूरत होगी पुलिस व सशस्त्र बल के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई की जाएगी. सीताबेड़ी बीट में वनचौकी का निर्माण भी जल्द पूरा किया जाएगा."

-दीवाशु शेखर, डीएफओ,सामान्य वनमंडल, खंडवा

(Fearless forest mafia in Khandwa) (Forest and wildlife not safe in Khandwa)

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