ETV Bharat / state

किसानों को लगाई जा रही चपत,आवाज उठाने पर की जा रही बदसलूकी - Khandwa procurement centers

खंडवा जिले के उपार्जन केन्द्र पर किसानों को जमकर चपत लगाई जा रही है. जहां पचास किलो पर 300 से 400 ग्राम ज्यादा तौला जा रहा है. साथ ही किसानों को गेहूं न खरीदने की धमकी भी दी जा रही है.

Farmers are being hit in khandwa
किसानों को लगाई जा रही चपत
author img

By

Published : May 9, 2020, 12:23 AM IST

खंडवा। इन दिनों पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं, वही लॉकडाउन के दौरान किसान भी खासे परेशान हैं. बता दें कि इन दिनों किसानों के गेंहू का उपार्जन कार्य चल रहा है. जिसमें किसानों के साथ जमकर धोखाधड़ी हो रही है. किसानों के एक तौल में 300 से 400 ग्राम अधिक तौलकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लॉकडाउन में किसानों के लिए अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए नई-नई योजना चला रहे, वहीं दूसरी ओर सरकारी-कर्मचारी किसानों की खून-पसीने से तैयार की फसल को बेचने आए किसानों को अच्छी खासी चपत लगा रहे हैं. दरअसल खालवा ब्लॉक के कलाम खुर्द उपार्जन केंद्र में शुक्रवार को 20 किसान 1000 से 1200 क्विंटल गेहूं की फसल को लेकर पहुंचे थे. जिसके बाद उपार्जन समिति ने किसानों के गेहूं की तुलाई शुरू की. इसी दौरान पता चला कि तुलाई कर रहे कर्मचारियों द्वारा 50 किलो पर 200 से 400 ग्राम तक ज्यादा तौला जा रहा है. जिससे उपार्जन केंद्रों पर कार्यरत कर्मचारी करीब 6 से 7 हजार रूपए की बचत करते हैं. मामले की खबर जब ईटीवी भारत को लगी तो मौके का मुआयना करने हमारी टीम पहुंच गई.

ईटीवी भारत की टीम जब गेहूं उपार्जन केंद्र खुर्द पहुंची, तो देखा कि सरकारी खरीदी के मानक तय के आधार पर प्रति बोरी 50 किलो 200 ग्राम गेहूं तुलाई करना चाहिए, लेकिन 50 किलो 500 ग्राम से 600 ग्राम तुलाई की जा रही है. इस तरह से 300 से 400 ग्राम की प्रति बोरी चपत लगाई जा रही है. किसानों से इस बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि उपार्जन केंद्र समिति के कर्मचारी द्वारा धमकाया जा रहा है, जिसके चलते किसान आवाज नहीं उठा रहे हैं. किसानों को धमकी दी जा रही है कि गेहूं में किसी भी तरह की कमी बताकर गेंहूं नहीं खरीदा जाएगा.

वहीं आर्थिक तंगी के चलते किसानों को मजबूरन सबकुछ जानकर भी चुप रहना पड़ रहा है. फिलहाल मामले में उपार्जन केंद्र प्रभारी सचिन गंगराड़े का कहना है कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है, मैं स्वयं जाकर देखता हूं और अनियमितता होने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

खंडवा। इन दिनों पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं, वही लॉकडाउन के दौरान किसान भी खासे परेशान हैं. बता दें कि इन दिनों किसानों के गेंहू का उपार्जन कार्य चल रहा है. जिसमें किसानों के साथ जमकर धोखाधड़ी हो रही है. किसानों के एक तौल में 300 से 400 ग्राम अधिक तौलकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लॉकडाउन में किसानों के लिए अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए नई-नई योजना चला रहे, वहीं दूसरी ओर सरकारी-कर्मचारी किसानों की खून-पसीने से तैयार की फसल को बेचने आए किसानों को अच्छी खासी चपत लगा रहे हैं. दरअसल खालवा ब्लॉक के कलाम खुर्द उपार्जन केंद्र में शुक्रवार को 20 किसान 1000 से 1200 क्विंटल गेहूं की फसल को लेकर पहुंचे थे. जिसके बाद उपार्जन समिति ने किसानों के गेहूं की तुलाई शुरू की. इसी दौरान पता चला कि तुलाई कर रहे कर्मचारियों द्वारा 50 किलो पर 200 से 400 ग्राम तक ज्यादा तौला जा रहा है. जिससे उपार्जन केंद्रों पर कार्यरत कर्मचारी करीब 6 से 7 हजार रूपए की बचत करते हैं. मामले की खबर जब ईटीवी भारत को लगी तो मौके का मुआयना करने हमारी टीम पहुंच गई.

ईटीवी भारत की टीम जब गेहूं उपार्जन केंद्र खुर्द पहुंची, तो देखा कि सरकारी खरीदी के मानक तय के आधार पर प्रति बोरी 50 किलो 200 ग्राम गेहूं तुलाई करना चाहिए, लेकिन 50 किलो 500 ग्राम से 600 ग्राम तुलाई की जा रही है. इस तरह से 300 से 400 ग्राम की प्रति बोरी चपत लगाई जा रही है. किसानों से इस बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि उपार्जन केंद्र समिति के कर्मचारी द्वारा धमकाया जा रहा है, जिसके चलते किसान आवाज नहीं उठा रहे हैं. किसानों को धमकी दी जा रही है कि गेहूं में किसी भी तरह की कमी बताकर गेंहूं नहीं खरीदा जाएगा.

वहीं आर्थिक तंगी के चलते किसानों को मजबूरन सबकुछ जानकर भी चुप रहना पड़ रहा है. फिलहाल मामले में उपार्जन केंद्र प्रभारी सचिन गंगराड़े का कहना है कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है, मैं स्वयं जाकर देखता हूं और अनियमितता होने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.