खंडवा। भारत के बड़े संतों को जब याद किया जाता है तो दादाजी धूनीवाले का नाम जरूर आता है. दादाजी धूनीवाले का नाम लेते ही खंडवा की याद आ जाती है. यूं तो खंडवा का दादाजी धाम साल के 365 दिनों में कभी भी बंद नहीं होता. यहां कोई भी स्थिति परिस्थिति बने, ग्रहण का समय हो या अन्य कोई बाधा लेकिन धाम हमेशा खुला रहता है. लॉकडाउन के चलते पिछले तीन महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद दादा का दरबार आम भक्तों के लिए बंद रहा है, जिसे 11 जुलाई से खोल दिया गया है.
100 दिनों बाद हुए दर्शन प्रारंभ
खंडवा के प्रसिद्ध दादा धूनीवाले धाम में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हर साल यहां लाखों की संख्या में भक्त जुटते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए और कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने 10 जुलाई तक मंदिर में आम भक्तों के लिए प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था. जिसके चलते गुरू पूर्णिमा जैसा महापर्व बेहद सादगी और सामान्य रूप से भक्तों के बिना ही मनाया गया. अब लगभग 100 दिनों बाद 11 जुलाई से भक्तों के लिए दादा जी के दर्शन प्रारंभ किए गए हैं.
हवन सामग्री चढ़ा लौट गए भक्त
इतने दिनों बाद खुले धाम के पहले दिन गेट नंबर दो से दादा जी के भक्तों ने अंदर आकर दूर से ही समाधि के दर्शन किए और धूनिमाई में हवन सामग्री चढ़ाकर वापस लौट गए. आने वाले समय में मुख्य द्वार से भी दादाजी के भक्तों को दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा. पहले ही दिन दादा के भक्तों में दर्शन के लिए उत्साह देखा गया. बड़े दिनों के बाद दादा जी के दर्शन पाकर भक्तों ने धूनीवाले दादाजी से कोरोना को जल्द ही भारत और पूरी दुनिया से खत्म करने की प्रार्थना की.
की गई तमाम व्यवस्थाएं
बता दें, कोरोना संक्रमण को देखते हुए दादा दरबार ट्रस्ट ने तमाम तरह की व्यवस्थाएं की हुई हैं. भक्तों को मंदिर में प्रवेश से पहले सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है.