खंडवा। एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट पेश किया गया. इस पर प्रतिष्ठित लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. चार्टर्ड एकाउंटेंट भरत झंवर ने इस बजट को दूरगामी परिणाम देने वाला बताया है. इसके साथ ही उन्होंने चिंता जताई है कि युवाओं के रोजगार और लघु एवं कुटीर उद्योग सेक्टर के लिए सरकार ने कोई विशेष योजना पेश नहीं की है. वहीं चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ऊबेजा ने इस बजट को निराशाजनक बताया है.
चार्टर्ड एकाउंटेंट भरत झंवर ने कहा कि सरकार ने एक ओर जहां आयकर में छूट दी है, वहीं करदाताओं को कर भुगतान करने की भी सुविधा दी है. जिसमें करदाता सीधे कर दे सकता है और इसके साथ ही पीएफ और एलआईसी की रास्ते भी खुले हुए हैं. डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को लेकर उन्होंने कहा कि ये एक अच्छा कदम है. इससे बाहरी कंपनियां आकर्षित होगी और भारत में निवेश की संभावनाएं बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा फैसला ये है कि आयकर से जुड़े अपीलीय या लंबित मामलों में पेनाल्टी या ब्याज से मुक्ति मिलेगी, जिससे करदाताओं को फायदा होगा. इस बार शिक्षा क्षेत्र में तो 99 हजार 300 का बजट रखा गया है, लेकिन कौशल विकास बजट कम करके तीन हजार करोड़ करना सही नहीं है.
भरत झंवर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में 22 हजार करोड़ से मेगा सोलर पंप लगाने की पहल बहुत अच्छी है, जिससे पारंपरिक स्त्रोत को बढ़ावा मिलेगा. वहीं औद्योगिक विकास के लिए 27 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया लेकिन लघु कुटीर उद्योग पर कोई विशेष प्लान प्रस्तुत नहीं किया गया है.
वहीं खंडवा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने सराकर को आर्थिक मोर्चे पर फेल बताया है. उन्होंने कहा कि पिछले बजट में स्मार्टसिटी, बुलेट ट्रेन का किया वादा सरकार ने नहीं निभाया है. वहीं युवाओं और किसानों को इस बजट से निराशा हाथ लगी है.